Current Date: 25 Nov, 2024

जुर्म-ए-उल्फ़त पे लिरिक्स (Jurm-E-Ulfat Pe Lyrics)

- Lata Mangeshkar


जुर्म-ए-उल्फ़त पे लिरिक्स हिंदी में (Jurm-E-Ulfat Pe Lyrics In Hindi)

जुर्म-ए-उल्फ़त पे 
हमें लोग सज़ा देते हैं
कैसे नादान हैं, 
शोलों को हवा देते हैं
कैसे नादान हैं
 
हम से दीवाने कहीं 
तर्क-ए-वफ़ा करते हैं
जान जाए कि रहे, 
बात निभा देते हैं
जान जाए
 
तख़्त क्या चीज़ है और 
लाल-ओ-जवाहर क्या है
इश्क़ वाले तो 
ख़ुदाई भी लुटा देते हैं
इश्क़ वाले
 
हमने दिल दे भी दिया, 
एहद-ए-वफ़ा ले भी लिया
आप अब शौक़ से दे लें, 
जो सज़ा देते हैं
जुर्म-ए-उल्फ़त पे 
हमें लोग सज़ा देते हैं

जुर्म-ए-उल्फ़त पे लिरिक्स अंग्रेजी में (Jurm-E-Ulfat Pe Lyrics In English)

Jurm-e-Ulfat Pe 
Humein Log Saza Dete Hain
Kaise Naadan Hain, 
Sholon Ko Hawa Dete Hain
Kaise Naadan Hain
 
Humse Deewane Kahin 
Tark-e-Wafa Karte Hain
Jaan Jaaye Ki Rahe, 
Baath Nibha Dete Hain
Jaan Jaaye
 
Takht Kya Cheez Hai Aur 
Laal-o-Jawahar Kya Hai
Ishq Waale To 
Khudai Bhi Luta Dete Hain
Ishq Waale
 
Humne Dil De Bhi Diya, 
Ehed-e-Wafa Le Bhi Liya
Aap Ab Shauq Se De Lein, 
Jo Saza Dete Hain
Jurm-e-Ulfat Pe 
Humein Log Saza Dete Hain

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