Current Date: 18 Dec, 2024

जो हाथो पर लिखी कर्म लकीर कहते है भजन

- Kumar Vishu


जो हाथो पर लिखी कर्म लकीर कहते है,
जो माथे पर लिखी उसे तक़दीर कहते है,
जो बंधन में जकड़े जंज़ीर कहते है,
जो बंधन तोड़े उसे महावीर कहते है,
जो हाथो पर लिखी।

वीर शासन की मुख्या मुख्या घटनाए,
सुनी तो होंगी फिर भी हम दोहराए.....-2
पहले चिंतन करे फिर मंथन करे फिर अपनाये,
विश्वशांति की उन्हे जागीर कहते है,
जियो जीने दो जिसने कहा उसे महावीर कहते है,
जो हाथो पर लिखी।

चंदा कौशिक की नैया तिराई थी,
विष की धारा भी अमृत बनाई थी.....-2
क्रोध ठंडा किया जोश मंदा किया राह दिखाई थी,
जो राह पे चलते है उन्हे राहगीर कहते है,
जो राह दिखाए उन्हे महावीर कहते है,
जो हाथो पर लिखी।

हिंसा की सारी सीमाए तोड़ी थी,
मृत्युदंड की सज़ा भी जिसको थोड़ी थी.....-2
ईट पत्थर प्रहार गालियो की बौछार,
हंस कर से ली थी
उस अर्जुन माली को क्षमा वीर कहते है,
जो क्षमा सीखते है उन्हे महावीर कहते है,
जो हाथो पर लिखी।

सधवी ब्रहम था श्री चंदन बाला थी,
वीर शासन की उज्ज्वल उजाला थी.....-2
सुनकर उसकी पुकार आए करुणा आवतार,
ओपी गुण माला थी,
जो आँसू टपके थे नयन का नीर कहते है,
जो आँसू पोछते है उन्हे महावीर कहते है,
जो हाथो पर लिखी।

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