जिसे तेरी कृपा का श्याम,
सहारा मिल गया बाबा,
उसे मजधार में भी श्याम,
उसे मजधार में भी श्याम,
किनारा मिल गया बाबा,
जिसें तेरी कृपा का श्याम,
सहारा मिल गया बाबा।।
तर्ज – मुझे तेरी मोहब्बत का।
हुई जब जंग गरहा गज,
पुकारा गज ने था तुमको,
करी फिर तुमने थी किरपा,
करी फिर तुमने थी किरपा,
सहारा दे दिया गज को,
तभी गरहा से गज को भी,
छुटकारा मिल गया बाबा,
जिसें तेरी कृपा का श्याम,
सहारा मिल गया बाबा।।
हुई लाचार जब द्रोपदी,
फसी जब बिच कौरव के,
पुकारी फिर वो बहन तुम्हे,
पुकारी फिर वो बहन तुम्हे,
हे बाबा श्याम रो रो के,
बचाई लाज थी तुमने,
आकर के खुद मेरे बाबा,
जिसें तेरी कृपा का श्याम,
सहारा मिल गया बाबा।।
जिसे विश्वास तुम पर है,
उसे तेरा सहारा है,
कोई भी लाख करे कोशिश,
कोई भी लाख करे कोशिश,
वो जीते जी ना हारा है,
कहे ‘शिबू’ हमें भी वो,
द्वारा मिल गया बाबा,
जिसें तेरी कृपा का श्याम,
सहारा मिल गया बाबा।।
जिसे तेरी कृपा का श्याम,
सहारा मिल गया बाबा,
उसे मजधार में भी श्याम,
उसे मजधार में भी श्याम,
किनारा मिल गया बाबा,
जिसें तेरी कृपा का श्याम,
सहारा मिल गया बाबा।।
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