Current Date: 18 Dec, 2024

जिस दिन साँवरे से

- तारा देवी, अविनाश कर्ण


जिस दिन साँवरे से,
बात नहीं होती,
कटता नहीं दिन,
रात नहीं होती,
लगता नहीं है दिल,
श्याम के बिना,
लगता नहीं है दिल,
श्याम के बिना।।

तर्ज – जिस दिन तेरी मेरी।


हर पल बाबा जी की सूरत,
दिल में बसी रहती है,
कब बाबा से होगा मिलन,
ये आस लगी रहती है,
सांवरे से जब तक,
मुलाकात नहीं होती,
कटता नहीं दिन,
रात नहीं होती,
लगता नहीं है दिल,
श्याम के बिना,
लगता नहीं है दिल,
श्याम के बिना।।


जब तक भी दीदार ना होता,
सांवरिया का हमको,
कुछ भी अच्छा लगता नहीं है,
चैन ना आए दिल को,
दिन की हमारे,
शुरुआत नहीं होती,
कटता नहीं दिन,
रात नहीं होती,
लगता नहीं है दिल,
श्याम के बिना,
लगता नहीं है दिल,
श्याम के बिना।।


जिस दिन साँवरे से,
बात नहीं होती,
कटता नहीं दिन,
रात नहीं होती,
लगता नहीं है दिल,
श्याम के बिना,
लगता नहीं है दिल,
श्याम के बिना।।

अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।