M:- जय बाबा विश्वकर्मा अपनी कृपा सब पे रखना
कोरस :- जय बाबा विश्वकर्मा अपनी कृपा सब पे रखना
M:- तुझसे फलते कल कारखाने तुझसे रोशन हों घराने
स्वर्गलोक भी है तेरी ही रचना
कोरस :- जय बाबा विश्वकर्मा अपनी कृपा सब पे रखना
आ आ आ आ ...................................................
M:- सतयुग में तूने ,जन्नत सजाई थी
द्वापर में तूने, द्वारिका बसाई थी
कोरस :- त्रेता युग में भी तूने ,स्वर्ण लंका बनायी थी
हर युग में तेरी बाबा कला कृतियाँ छाई थी
M:- सब लेते तेरा नाम , चाहे भोर हो या शाम
कोरस :- मेरे प्रभुवर तेरा क्या है कहना
जय बाबा विश्वकर्मा अपनी कृपा सब पे रखना
M:- अन्गि रसी लाला तुम वास्तुदेव के हो प्यारे सुत,
कलपुर्जों के रखवाले तकनीकी के ज्ञाता अद्भुत
कोरस :- तेरी शान निराली है तुमसा देव न है दूजा
दाता तुम सुख वैभव के हो करता जग तेरी पूजा
M:- भक्तों की सुन लेना हर खुशियाँ तुम देना
कोरस :- गम पड़े न कभी कोई सहना
जय बाबा विश्वकर्मा , अपनी कृपा सबपे रखना
M:- जय बाबा विश्वकर्मा अपनी कृपा सब पे रखना
कोरस :- जय बाबा विश्वकर्मा अपनी कृपा सब पे रखना
तुझसे फलते कल कारखाने तुझसे रोशन हों घराने
स्वर्गलोक भी है तेरी ही रचना
कोरस :- जय बाबा विश्वकर्मा अपनी कृपा सब पे रखना
जय बाबा विश्वकर्मा अपनी कृपा सब पे रखना
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