जटा में सूंदर गंग विराजे गले में सर्पो की माला,
आक धतूरा खाने को और शिव ओडन को है मृग शाळा,
भोले बाबा सा नहीं कोई दयालु,
भोले बाबा सा नहीं कोई दानी,
हर हर हर महादेव हर हर हर महादेव
दक्श था जब अभिमान में आया,
शिव को यग में नहीं बुलाया उमा को देख सती होते शिव ने तीसरा नेत्र जगाया,
देवो ने तब की प्राथना शिव किरपा दृष्टि को टाला,
अर्धागनी की विरहा में भी दकश राज जीवट कर डाला,
भोले बाबा सा नहीं कोई दयालु,
भोले बाबा सा नहीं कोई दानी,
हर हर हर महादेव हर हर हर महादेव
सोने की बनवाई लंका पारवती के कहने पे,
रावण को दे डाली लंका ग्रह प्रवेश की दक्षिणा पे,
भागी रथ को गंगा देदी सब जग ने इशनान किया,
बड़े बड़े पाइयो का तुमने पल भर में कल्याण किया,
भोले बाबा सा नहीं कोई दयालु,
भोले बाबा सा नहीं कोई दानी,
हर हर हर महादेव हर हर हर महादेव
हर प्राणी मन तूने जाना हर प्राणी मन पहचाना
सच्चे मन जो शरण आया जिसने जो माँगा वो पाया ,
कर्म काण्ड जिसके हो अच्छे सब कुछ तुमने उसे दियां,
अपने तन न वस्र्ट रखा तीनो लोक में बाँट दियां,
भोले बाबा सा नहीं कोई दयालु,
भोले बाबा सा नहीं कोई दानी,
हर हर हर महादेव हर हर हर महादेव
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