Current Date: 17 Nov, 2024

जपले हरी ॐ नमः शिवाय

- संजय मित्तल जी।


शिव का नाम सदा सुखदाई,
जपले हरी ॐ नमः शिवाय,
जपले इसमें नफा है तेरा,
तेरे दुःख दारिद्र भगाए,
शिव का नाम सदा सुखदाई,
जपले हरी ॐ नमः शिवाय।।

तर्ज – कस्मे वादे प्यार वफ़ा सब।

भोला भाला,
भोला भाला डमरू वाला,
कैलाशी अविनाशी है,
चप्पे चप्पे में रहता है,
ये घट घट का वासी है,
दुखियों के,
दुखियों के संताप ये हरता,
शिव शंकर सुखराशि है,
शिव का नाम सदा सुखदायी,
जपले हरी ॐ नमः शिवाय।।

जपते जपते,
जपते जपते महामंत्र को,
तू पवित्र हो जाएगा,
धीरज रखना अपने दिल में,
एक दिन ऐसा आएगा,
औघड़दानी,
औघड़दानी सामने होंगे,
और तू दर्शन पाएगा,
शिव का नाम सदा सुखदायी,
जपले हरी ॐ नमः शिवाय।।

प्रेम से मिलकर,
प्रेम से मिलकर बम बम बोले,
शिव भक्तो की अर्जी है,
‘बिन्नू’ कहता बात मान ले,
आगे तेरी मर्जी है,
जग वाले,
जग वाले गुमराह न कर दे,
दुनिया तो खुदगर्जी है,
शिव का नाम सदा सुखदायी,
जपले हरी ॐ नमः शिवाय।।

शिव का नाम सदा सुखदाई,
जपले हरी ॐ नमः शिवाय,
जपले इसमें नफा है तेरा,
तेरे दुःख दारिद्र भगाए,
शिव का नाम सदा सुखदाई,
जपले हरी ॐ नमः शिवाय।।

अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।