Current Date: 18 Jan, 2025

जय माधव मदन मुरारी

- अनूप जलोटा


जय माधव मदन मुरारी।
जय केशव कलिमल हारी॥

सुन्दर कुंडल, नयन विशाला,
गले सोहे वैजयंती माला।
या छवि की बलिहारी॥

कबहू लूट लूट दधि खायो,
कबहू मधुवन रास रचायो।
नाचत विपिन बिहारी॥

करुना कर द्रोपदी पुकारी,
पट में लिपट गए बनवारी।
निरख रहे नर नारी॥

अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।