F:- ना जिनका कोई रंग है ना है कोई रूप
आदिनाथ महादेव है निर्गुण ज्योतिस्वरूप
ना इनका कोई रंग है ना है इनका अंत
भोले की त्रिलोकमे महिमा बड़ी अनंत
सदा समाधि में रहे भसमीधारी अंग
अद्भुत जो कहलाते है लिपटे कंठ भुजंग
F:- जगत में एक अविनाशी वही जोगी है सन्यासी
कोरस :- वही जोगी है सन्यासी
F:- वही निर्गुण वो गुणधारी वही निर्गुण वो गुणधारी
वही त्रिलोकी त्रिपुरारी वही त्रिलोक त्रिपुरारी
कोरस :- जगत में एक अविनाशी वही जोगी है सन्यासी
F:- ओ वही जोगी है सन्यासी
F:- है ऐसा उनका मुख मंडल समाया जिनमे नवमंडल
है ऐसा उनका मुख मंडल समाया जिनमे नवमंडल
कोरस :- समाया जिनमे नवमंडल
F:- है जिनमे चाँद और तारे है जिनमे चाँद और तारे
वो भोलेनाथ है प्यारे
कोरस :- वो भोलेनाथ है प्यारे
F:- जगत में एक अविनाशी वही जोगी है सन्यासी
कोरस :- वही जोगी है सन्यासी
F:- की गंगाधर निराले है जगत सारा संभाला है
की गंगाधर निराले है जगत सारा संभाला है
कोरस :- जगत सारा संभाला है
F;- यहाँ कण कण समाये है यहाँ कण कण समाये है
जो धूनी भी रमाये है
कोरस :- जो धूनी भी रमाये है
F:- जगत में एक अविनाशी वही जोगी है सन्यासी
कोरस :- वही जोगी है सन्यासी
F:- कही पर्वत विराजे है कही शिवलिंग में साजे है
कही पर्वत विराजे है कही शिवलिंग में साजे है
कोरस :- कही शिवलिंग में साजे है
F;- है देवो के अधि देवा है देवो के अधि देवा
हमारे है महादेवा
कोरस :- हमारे है महादेवा
F:- जगत में एक अविनाशी वही जोगी है सन्यासी
कोरस :- वही जोगी है सन्यासी
F:- अनोखे भूत ये भावन ये पावन को करे पावन
अनोखे भूत ये भावन ये पावन को करे पावन
कोरस :- पावन को करे पावन
F:- करो संजो इन्हे वंदन करो संजो इन्हे वंदन
निरंजन काटते बंधन
कोरस :- निरंजन काटते बंधन
F:- जगत में एक अविनाशी वही जोगी है सन्यासी
कोरस :- वही जोगी है सन्यासी
F:- वही निर्गुण और गुणधारी वही निर्गुण और गुणधारी
वही त्रिलोक त्रिपुरारी वही त्रिलोक त्रिपुरारी
कोरस :- जगत में एक अविनाशी वही जोगी है सन्यासी
F:- वही जोगी है सन्यासी
कोरस :- हाँ वही जोगी है सन्यासी
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