जगत के रंग क्या देखूं हिंदी में (Jagat Ke Rang Kya Dekhu)
जगत के रंग क्या देखूं तेरा दीदार काफी है।
क्यों भटकूँ गैरों के दर पे तेरा दरबार काफी है॥
राधा रानी जी का मनमोहक भजन: झूला झूलो री राधे रानी
नहीं चाहिए ये दुनियां के निराले रंग ढंग मुझको,
निराले रंग ढंग मुझको
चली जाऊँ मैं वृंदावन
चली जाऊँ मैं वृंदावन तेरा श्रृंगार काफी है
जगत के रंग क्या देखूं तेरा दीदार काफी है
साध्वी पूर्णिमा जी का सबसे सुन्दर भजन: मुझे अपने ही रंग में रंग ले
जगत के साज बाजों से हुए हैं कान अब बहरे
हुए हैं कान अब बहरे
कहाँ जाके सुनूँ बंशी
कहाँ जाके सुनूँ बंशी मधुर वो तान काफी है
जगत के रंग क्या देखूं तेरा दीदार काफी है
श्याम की बंशी की धुन: उड़ गई रे नींदिया मेरी, बंसी श्याम ने बजाई रे
जगत के रिश्तेदारों ने बिछाया जाल माया का
बिछाया जाल माया का
तेरे भक्तों से हो प्रीति
तेरे भक्तों से हो प्रीति श्याम परिवार काफी है
जगत के रंग क्या देखूं तेरा दीदार काफी है
कृष्ण जी का प्यारा भजन: बांके बिहारी से प्यार है
जगत की झूटी रौनक से हैं आँखें भर गयी मेरी
हैं आँखें भर गयी मेरी
चले आओ मेरे मोहन
चले आओ मेरे मोहन दरश की प्यास काफी है
जगत के रंग क्या देखूं तेरा दीदार काफी है
क्यों भटकूँ गैरों के दर पे तेरा दरबार काफी है
जगत के रंग क्या देखूं अंग्रेजी में (Jagat Ke Rang Kya Dekhu in english)
jagat ke rang kyaa dekhuun teraa diidaar kaaphii hai.
kyon bhaṭakuun gairon ke dar pe teraa darabaar kaaphii hai॥
Beautiful Bhajan of Radha Rani Ji: Jhula Jhulo Ri Radhe Rani
nahiin chaahie ye duniyaan ke niraale rang ḍhang mujhako,
niraale rang ḍhang mujhako
chalii jaauun main vṛndaavan
chalii jaauun main vṛndaavan teraa shrṛngaar kaaphii hai
jagat ke rang kyaa dekhuun teraa diidaar kaaphii hai
The most beautiful bhajan of Sadhvi Purnima ji: Mujhe Apne Hi Rang Me Rang Le
jagat ke saaj baajon se hue hain kaan ab bahare
hue hain kaan ab bahare
kahaan jaake sunuun bamshii
kahaan jaake sunuun bamshii madhur vo taan kaaphii hai
jagat ke rang kyaa dekhuun teraa diidaar kaaphii hai
Tune of Shyam's Banshi: Ud Gayi Re Nindiya Meri Bansi Shyam Ne Bajai Re
jagat ke rishtedaaron ne bichhaayaa jaal maayaa kaa
bichhaayaa jaal maayaa kaa
tere bhakton se ho priiti
tere bhakton se ho priiti shyaam parivaar kaaphii hai
jagat ke rang kyaa dekhuun teraa diidaar kaaphii hai
Lovely hymn of Krishna ji: Banke Bihari Se Pyar Hai
jagat kii jhuuṭii rownak se hain aankhen bhar gayii merii
hain aankhen bhar gayii merii
chale aao mere mohan
chale aao mere mohan darash kii pyaas kaaphii hai
jagat ke rang kyaa dekhuun teraa diidaar kaaphii hai
kyon bhaṭakuun gairon ke dar pe teraa darabaar kaaphii hai
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