जगत के रंग क्या देखूं लिरिक्स | Jagat Ke Rang Kya Dekhun Lyrics.
जगत के रंग क्या देखूं,
तेरा दीदार काफी है ।
क्यों भटकूँ गैरों के दर पे,
तेरा दरबार काफी है ॥
नहीं चाहिए ये दुनियां के,
निराले रंग ढंग मुझको,
निराले रंग ढंग मुझको ।
चली जाऊँ मैं वृंदावन,
तेरा श्रृंगार काफी है ॥
॥जगत के रंग क्या देखूं...॥
जगत के साज बाजों से,
हुए हैं कान अब बहरे,
हुए हैं कान अब बहरे ।
कहाँ जाके सुनूँ बंशी,
मधुर वो तान काफी है ॥
॥जगत के रंग क्या देखूं...॥
जगत के रिश्तेदारों ने,
बिछाया जाल माया का
बिछाया जाल माया का ।
तेरे भक्तों से हो प्रीति,
श्याम परिवार काफी है ॥
॥जगत के रंग क्या देखूं...॥
जगत की झूटी रौनक से,
हैं आँखें भर गयी मेरी
हैं आँखें भर गयी मेरी ।
चले आओ मेरे मोहन,
दरश की प्यास काफी है ॥
॥जगत के रंग क्या देखूं...॥
जगत के रंग क्या देखूं,
तेरा दीदार काफी है ।
क्यों भटकूँ गैरों के दर पे,
तेरा दरबार काफी है ॥
Jagat Ke Rang Kya Dekhun Lyrics. जगत के रंग क्या देखूं लिरिक्स |
Jagat Ke Rang Kya Dekhun Tera Deedar Kafi Hai,
Kyon Bhatakon Gairon Ke Dar Pe Tera Darabar Kafi Hai॥
Nahin Chahie Ye Duniyaan Ke, Nirale Rang Dhang Mujhko
Nirale Rang Dhang Mujhko
Chali Jaon Main Vrindavan, Tera Darbar Kafi Hai
॥ Jagat Ke Rang Kya Dekhun...॥
Jagat Ke Saj Baajon Se, Hue Hain Kan Ab Bahre
Hue Hain Kan Ab Bahre
Kahan Jake Sunon Anhad, Teri Jhankar Kafi Hai
॥ Jagat Ke Rang Kya Dekhun...॥
Jagat Ki Jhothi Raushani Se, Hain Ankhein Bhar Gayi Meri
Hain Ankhein Bhar Gayi Meri
Meri Ankhon Mein Ho Hardam, Tera Chamkar Kafi Hai
॥ Jagat Ke Rang Kya Dekhun...॥
Jagat Ke Rishtedaronn Ne, Phailaya Jal Maya Ka
Phailaya Jal Maya Ka
Tere Bhakton Se Preeti Ho, Yahi Pariwar Kafi Hai
॥ Jagat Ke Rang Kya Dekhun...॥
Jagat Ke Rang Kya Dekhun Tera Deedar Kafi Hai,
Kyon Bhatakon Gairon Ke Dar Pe Tera Darabar Kafi Hai॥
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