M:- आते ही आषाढ़ मास, भरे हृदय उल्लास
मन्दिर पट खोले चले आए ,प्रभु भक्तों के पास
जगन्नाथ, होके रथ पे सवार – 2
कोरस – जगन्नाथ, होके रथ पे सवार – 2
M:- सुभद्रा और बलभद्र संग -2
चले गुण्डिचा द्वार
जगन्नाथ, होके रथ पे सवार
कोरस – जगन्नाथ, होके रथ पे सवार
1.
M:- राजा सोने की झाड़ू बुहारे हर्षाते हैं भक्त ये सारे
कोरस – राजा सोने की झाड़ू बुहारे हर्षाते हैं भक्त ये सारे
M:- गूंजे प्रभु वर के जयकारे
कोरस – गूंजे प्रभु वर के जयकारे
M:- खुशियों के बादल से मिलकर-2
नभ बरसाए रे धार
जगन्नाथ, होके रथ पे सवार
कोरस – जगन्नाथ, होके रथ पे सवार
2.
कोरस :- आ आ आ आ आ आ आ
M:- आज का दिन है कितना पावन, ईश्वर भक्ति है मनभावन
कोरस – आज का दिन है कितना पावन, ईश्वर भक्ति है मनभावन
M:- भीड़ खड़ी करने को दर्शन
कोरस – भीड़ खड़ी करने को दर्शन
M:- अपने सेवक -2 जन की श्रद्धा, कर लेना स्वीकार
जगन्नाथ, होके रथ पे सवार
कोरस – जगन्नाथ, होके रथ पे सवार
3.
M:- हरेक मन में जगी है शुभ आस ,भक्ति अपनी रहे ये अविनाश
कोरस- हरेक मन में जगी है शुभ आस ,भक्ति अपनी रहे ये अविनाश
M:_ तुझसे जीवन का हो आभास
कोरस – तुझसे जीवन का हो आभास
M:- पूरब में पुरी पश्चिम द्वारिका, -2 महिमा इनकी अपार
जगन्नाथ, होके रथ पे सवार
कोरस – जगन्नाथ, होके रथ पे सवार
M:- सुभद्रा और बलभद्र संग -2
चले गुण्डिचा द्वार
जगन्नाथ, होके रथ पे सवार
कोरस – जगन्नाथ, होके रथ पे सवार -4
अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।