Current Date: 17 Nov, 2024

जगजननी जय जय

- Devendra Ji Maharaj


M:-    जगजननी जय जय माँ जगजननी जय जय
    भयहारिणी भवतारिणी भयहारिणी भवतारिणी 
    भवभामिनि जय जय माँ जगजननी जय जय
कोरस :-     जगजननी जय जय माँ जगजननी जय जय
    भयहारिणी भवतारिणी भयहारिणी भवतारिणी 
    भवभामिनि जय जय माँ जगजननी जय जय

M:-    तू ही सत्-चित्-सुखमय  शुद्ध ब्रह्मरूपा
कोरस :-     माँ शुद्ध ब्रह्मरूपा
M:-    सत्य सनातन सुन्दर सत्य सनातन सुन्दर 
    पर-शिव सुर-भूपा 
कोरस :-     माँ जगजननी जय जय

M:-    आदि अनादि अनामय अविचल अविनाशी
कोरस :-     माँ अविचल अविनाशी
M:-    अमल अनन्त अगोचर अमल अनन्त अगोचर
    अज आनन्दराशी
कोरस :-     माँ जगजननी जय जय 

M:-    अविकारी अघहारी अकल कलाधारी
कोरस :-     माँ अकल कलाधारी
M:-    कर्ता विधि भर्ता हरि कर्ता विधि भर्ता हरि
    हर संहारकारी
कोरस :-     माँ जगजननी जय जय  

M:-    तू विधिवधू रमा तू उमा महामाया
कोरस :-     माँ  तू उमा महामाया
M:-    मूल प्रकृति विद्या तू मूल प्रकृति विद्या तू
    तू जननी जाया
कोरस :-     माँ जगजननी जय जय  

M:-    राम कृष्ण तू सीता ब्रजरानी राधा
कोरस :-     माँ ब्रजरानी राधा
M:-    तू वाँछाकल्पद्रुम तू वाँछाकल्पद्रुम
    हारिणि सब बाघा
कोरस :-     माँ जगजननी जय जय  

M:-    दश विद्या नव दुर्गा नाना शस्त्रकरा
कोरस :-      नाना शस्त्रकरा
M:-    अष्टमातृका योगिनि अष्टमातृका योगिनि
    नव-नव रूप धरा
कोरस :-     माँ जगजननी जय जय  

M:-    तू परधामनिवासिनि महाविलासिनि तू
कोरस :-     माँ महाविलासिनि तू
M:-    तू ही श्मशानविहारिणि तू ही श्मशानविहारिणि
    ताण्डवलासिनि तू
कोरस :-     माँ जगजननी जय जय

M:-    सुर-मुनि मोहिनि सौम्या तू शोभाधारा
कोरस :-     माँ तू शोभाधारा
M:-    विवसन विकट सरुपा विवसन विकट सरुपा
    प्रलयमयी धारा
कोरस :-     माँ जगजननी जय जय

M:-    तू ही स्नेहसुधामयी तू अति गरलमना
कोरस :-     माँ तू अति गरलमना
M:-    रत्नविभूषित तू ही रत्नविभूषित तू ही
    तू ही अस्थि तना
कोरस :-     माँ जगजननी जय जय

M:-     मूलाधार निवासिनि इह-पर सिद्धिप्रदे
कोरस :-     माँ इह-पर सिद्धिप्रदे
M:-    कालातीता काली कालातीता काली
    कमला तू वरदे
कोरस :-     माँ जगजननी जय जय 

M:-    शक्ति शक्तिधर तू ही नित्य अभेदमयी
कोरस :-     माँ नित्य अभेदमयी
M:-    भेद प्रदर्शिनि वाणी भेद प्रदर्शिनि वाणी
    विमले वेदत्रयी
कोरस :-     माँ जगजननी जय जय 

M:-    हम अति दीन दु:खी माँ विपत जाल घेरे
कोरस :-     माँ विपत जाल घेरे
M:-    हैं कपूत अति कपटी हैं कपूत अति कपटी
    पर बालक तेरे
कोरस :-     माँ जगजननी जय जय 

M:-    निज स्वभाववश जननी दयादृष्टि कीजै
कोरस :-     माँ दयादृष्टि कीजै
M:-    करुणा कर करुणामयी करुणा कर करुणामयी
    चरण शरण दीजै
कोरस :-     माँ जगजननी जय जय 

M:-    जगजननी जय जय माँ जगजननी जय जय
    भयहारिणी भवतारिणी भयहारिणी भवतारिणी 
    भवभामिनि जय जय माँ जगजननी जय जय
कोरस :-     जगजननी जय जय माँ जगजननी जय जय
    भयहारिणी भवतारिणी भयहारिणी भवतारिणी 
    भवभामिनि जय जय माँ जगजननी जय जय

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