जड़ चेतन जग महिमा छाजे,
घंटा कर्ण महावीर गाजे,
जड चेतन जग महिमा छाजे,
मनवांछित पूरण कर नारा,
भक्त जनो ना भय हर नारा,
घंटाकर्ण महावीर गाजे,
जड़ चेतन जग महिमा छाजे।
आधि व्याधि उपाधि हरता,
रोग उपद्रव दुख संहरता,
ऋद्धि सिद्धि मंगल करता,
सत्वर सहाय पग़ला भरता,
घंटाकर्ण महावीर गाजे,
जड़ चेतन जग महिमा छाजे।
घंटाकर्ण महावीर तारी,
आरति करता जे नर नारी,
आरति चिंता शोक निवारी,
धर्मी थतां दोषों ने टाळी
घंटाकर्ण महावीर गाजे,
जड़ चेतन जग महिमा छाजे।
गाजी रह्यो जगमांही सघळे,
घरमां सागरमां रण वगडे,
सहाय करंतो वादे झगडे,
दुष्टोथी कंइ शुभ न बगडे,
घंटाकर्ण महावीर गाजे,
जड़ चेतन जग महिमा छाजे।
देश नगर संघ वर्तो शांति,
भक्त जनोनी वध शे कांति,
महामारी भय संकट नासो,
आरोग्यानंदे जगवासो,
घंटा कर्ण महावीर गाजे,
जड़ चेतन जग महिमा छाजे।
मंगल माल घर घर प्रगटो,
इति उपद्रव विघ्नो विघटो,
शांति आनंद ने प्रगटावो,
समरंता झट म्हारे आवो,
घंटा कर्ण महावीर गाजे,
जड़ चेतन जग महिमा छाजे।
आत्म महावीर शासन राज्ये,
सेवाकारक जगमां गाजे,
बुद्धि सागर आतम काजे,
क्षण क्षण व्हेलो सहाये थाजे,
घंटा कर्ण महावीर गाजे,
जड़ चेतन जग महिमा छाजे
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