Current Date: 23 Nov, 2024

जब श्याम बने संतान

- Anjana Arya


कोरस :-     श्याआआआम 
M:-    जय श्री श्याम जय श्री राधे 
जब किसी भक्त का विशवास अपनों से टूट जाता है तो स्वयं प्रभु किसी ना किसी रूप में आकर उनकी रक्षा करते है और कलियुग में अपनी उपस्थिति का एहसास करा देते है ह्रदय को भावुक कर देने वाली ये सत्य कहानी प्रस्तुत कर रही है प्रख्यात गायिका अंजना आर्या , जय श्री श्याम जय श्री राधे 
कोरस :-     श्याम मेरे श्याम खाटू वाले श्याम 
F:-    सखियाँ गाओ मंगल गीत मेरे घर गूंजा संगीत 
कोरस :-     सखियाँ गाओ मंगल गीत मेरे घर गूंजा संगीत 
F:-    ये शुभ घडी सुहानी आयी है ये शुभ घडी सुहानी आयी है 
    आज मेरे घर बहुरानी आयी है 
कोरस :-     आज मेरे घर बहुरानी आयी है 
F:-    जब लक्ष्मी के कदम पड़े तो महका घर और आँगन 
    जो  माँगा था  श्याम से मेने  भर  दिया  उसने  दामन 
कोरस :-      जब लक्ष्मी के कदम पड़े तो महका घर और आँगन 
    जो  माँगा था  श्याम से मेने  भर  दिया  उसने  दामन 
F:-    महलो से चलके कोई रानी आयी है -2 
    आज मेरे घर बहुरानी आयी है 

कोरस :-     आज मेरे घर बहुरानी आयी है 
M:-    दीनदयाल और कमला देवी के घर आज बहु का गृह प्रवेश हो रहा है उनके बेटे करन  की पसंद से बहु किरण घर में आयी है सभी मेहमानो का आना जाना लगा हुआ है और दिनदयाल और पत्नी कमलादेवी को बधाई दे रहे है और बधाई गीत गए रहे है 
F:-    सखियाँ गाओ मंगल गीत मेरे घर गूंजा संगीत 
कोरस :-     सखियाँ गाओ मंगल गीत मेरे घर गूंजा संगीत 
F:-    ये शुभ घडी सुहानी आयी है ये शुभ घडी सुहानी आयी है 
    आज मेरे घर बहुरानी आयी है 
कोरस :-     आज मेरे घर बहुरानी आयी है 
M:-    मास्टर दीनदयाल का इकलौता पुत्र जिन्होंने तिनका तिनका जोड़कर पढ़ाया लिखाया और बड़ा किया पुत्र करन ने अपने ही पसंद की लड़की किरण से ब्याह रचाया उन्होंने सोचा था की किरण के आने से घर में खुशियों की किरण चमकेगी शादी के पहले दिन दीनदयाल और कमलादेवी ने सोचा की आज सुबह की चाय बहुरानी के हाथो पीने को मिलेगी सुबह के 7 बजे फिर 8  बजे और फिर 11 बजे बहु अपने कमरे से नहीं निकली ठीक 12 बजे बहु जागकर अपने कमरे से आयी और कहा अरे भई कोई है घर में मुझे चाय चाहिए करन अपने ऑफिस जा चूका था सास कमलादेवी ने सोचा की कोई बात नहीं आज 

    पहला दिन है मैं ही चाय बनाकर बहु को पीला देती हूँ कमलादेवी चाय लेकर बहु के कमरे में गयी और बहु को चाय देते हुए कहा की हम अपने घर बहु नहीं बेटी लाये है लो चाय लो बेटी और इस तरह और इस तरह दीनदयाल 
    और कमलादेवी के घर में धीरे धीरे बहु का अत्याचार बढ़ने लगा जिससे घर में सास बहु के झगड़े प्रतिदिन होने लगे करन को भी यह सब अजीब लगा लेकिन उसका प्रेम माता पिता से हटकर किरण से बढ़ गया करन भी किरण के पक्ष में बोलने लगा और इस तरह बूढ़े माता पिता अपने आप को असहाय और ठगा हुआ महसूस करने लगे 
F:-    जिसके संग में हो भगवान उसे क्या मारेगा इंसान 
कोरस :-     जिसके संग में हो भगवान उसे क्या मारेगा इंसान 
F:-    त्याग तपस्या और प्रेम से होता है कल्याण 
    जिसके संग में हो भगवान उसे क्या मारेगा इंसान 
कोरस :-    जिसके संग में हो भगवान उसे क्या मारेगा इंसान 
F:-    कौड़ी कौड़ी जोड़ जोड़कर जो संतान को बड़ा करे 
    सारे सुख देकर उनको अपने पेरो पर खड़ा करे 
कोरस :-      कौड़ी कौड़ी जोड़ जोड़कर जो संतान को बड़ा करे 
    सारे सुख देकर उनको अपने पेरो पर खड़ा करे 
F:-    फिर भी वो पाए ना सम्मान फिर भी वो पाए ना सम्मान

M:-    बहु का अत्याचार बढ़ता गया और करन भी अब उसकी भाषा बोलने लगा करन ने कहा देखो बाऊ जी अगर इस घर में रहना है तो किरण की बाते 
    माननी पड़ेगी और अगर आपको कोई आपत्ति है तो आप अपना ठिकाना और कही ढूंढ सकते है 
F:-    पौधा बड़ा किया तो उसमे कांटे ही कांटे आये नजर 
    सोचा सुख के फूल खिलेंगे खुशबु आएगी जीवन भर 
कोरस :-     पौधा बड़ा किया तो उसमे कांटे ही कांटे आये नजर 
    सोचा सुख के फूल खिलेंगे खुशबु आएगी जीवन भर 
F:-    अरे संतान बानी शैतान अरे संतान बनी शैतान 
कोरस :-     अरे संतान बानी शैतान अरे संतान बनी शैतान 
M:-    एक दिन बहु किरण ने करन से कहा की इस घर में मैं रहूंगी या तुम्हारे माता पिता अगर तुम्हे मेरे साथ रहना है तो फैसला करो की तुम्हे माँ बाप चाहिए या बीवी  इस वक्त उन्हें घर से निकालो वरना मैं तुम्हे छोड़कर सदा के लिए चली जाउंगी करन पत्नी प्रेम में अँधा हो गया था उसने माँ बाप को धक्का देकर उन्हें घर से बाहर कर  दिया 
F:-    टूट गए जीवन के सपने छूट गया बेटे का प्यार 
    किसी है ये विडंबना देखो हो गए हम बेघर लाचार 
कोरस :-     टूट गए जीवन के सपने छूट गया बेटे का प्यार 

    किसी है ये विडंबना देखो हो गए हम बेघर लाचार 
F:-    अरे ये केसा इम्तिहान अरे ये केसा इम्तिहान 
कोरस :-     अरे ये केसा इम्तिहान अरे ये केसा इम्तिहान 
M:-    दीनदयाल और कमलादेवी रोते विलाप करते हुए अनजान दिशा में चलने लगे उन्हें ये मालुम नहीं था की उन्हें कहाँ जाना है तभी एक बस आकर रुकी जो वृन्दावन जा रही थी बस में बैठे एक व्यक्ति ने कहा क्या  तूम कभी वृन्दावन गए हो तो दीनदयाल ने उत्तर दिया नहीं तब वह व्यक्ति बोलै ये बस उन लोगो को वृन्दावन ले जा रही है जो कभी वृन्दावन नहीं गए दीनदयाल बोले लेकिन हमारे पास तो किराया भी नहीं है और हमारे पास एक रुपये भी नहीं तब बस का कंडक्टर बोला अंकल जी कोई बात नहीं हम सबको मुफ्त ले जा रहे है और वहां पर भोजन और रुकने की व्यवस्था भी हम करेंगे  इस तरह दिनदयाल और कमलादेवी को उन्होंने बस में बिठा लिया दोनों राधे राधे करते हुए सफर पर निकल पड़े 
F:-    राधे राधे जपते जपते जीवन को नहीं डगर मिली 
    अपनों ने जब ठुकराया तो गैरो की भी कदर मिली 
कोरस :-     राधे राधे जपते जपते जीवन को नहीं डगर मिली 
    अपनों ने जब ठुकराया तो गैरो की भी कदर मिली 


F:-    ये रस्ता हुआ बड़ा आसान भगत के संग में है भगवान 
कोरस :-     ये रस्ता हुआ बड़ा आसान भगत के संग में है भगवान 
F:-    जिसके संग में हो भगवान उसे क्या मारेगा इंसान 
कोरस :-    जिसके संग में हो भगवान उसे क्या मारेगा इंसान  
F:-    त्याग तपस्या और प्रेम से होता है कल्याण 
    जिसके संग में हो भगवान उसे क्या मारेगा इंसान 
कोरस :-    जिसके संग में हो भगवान उसे क्या मारेगा इंसान 
M:-    जब बस वृन्दावन पहुंची और दीनदयाल और कमलादेवी ने बांके बिहारी के दर्शन किये तो वो निहाल हो उठे क्युकी वे पहली बार बांके बिहारी को इतने निकट से निहार रहे थे दो दिन तक उन्होंने सुबह शाम  बिहारी जी के दर्शन किये अब दो बाद बस को दिल्ली वापिस आना था वापसी की तैयारी हो रही थी लेकिन अब दिनदयाल और कमलादेवी वापिस जायेंगे तो कहा पर रहेंगे बेटे और बहु तो उन्हें घर से निकाल चुके थे यही सोच विचार में उन दोनों की आँखों से आंसू निकल पड़े तभी एक 10 वर्ष का बालक उनकी ऊँगली पकड़कर बोला आप उदास ना हो मेरे माता पिता अब इस दुनिया में नहीं है पास ही मेरा घर है आप चाहे तो मेरे साथ रह सकते है आप चलिए मेरे साथ एक दिन रुक जाइये अगर आपको अच्छा लगेगा तो रुकिए वरना आप जहा जाना चाहेंगे चले जाइएगा बालक की जिद पर दोनों उस बालक के घर जाते है एक छोटे से घर में आकर दोनों बूढ़े माँ बाप को बड़ा अच्छा लगता है वह बालक उनकी खूब सेवा  करता है  वह सुबह नाश्ता दोपहर में भोजन और रात्रि भोज कराके उन दोनों के पैर तब तक दबाता है जब तक उन्हें नींद नहीं 

     आ जाती 3 - 4 दिन रहने के बाद दीनदयाल जी उससे पूछते है बेटा तुम्हारा नाम क्या है बालक कहता है मेरा नाम कृष्णा यह नाम सुनते ही दोनों वृद्धो की आंखे नम हो जाती है वे प्रभु की लीला समझ जाते है जिन्हे संतान ने ठुकराया उन्हें भगवान स्वयं कृष्ण के रूप में पालने आये ऐसी है बांके बिहारी की लीला तभी तो सब इन्हे लीलाधारी कहते है 
F:-    जब संतान ने ठुकराया तो स्वयं प्रभु संतान बने 
    जीवन की इस बगिया को बाल रूप भगवान मिले 
कोरस :-     जब संतान ने ठुकराया तो स्वयं प्रभु संतान बने 
    जीवन की इस बगिया को बाल रूप भगवान मिले 
F:-    सेवा करते कृपा निदान जो है बृजभूमि की शान 
    जिसके संग में हो भगवान उसे क्या मारेगा इंसान 
कोरस :-    जिसके संग में हो भगवान उसे क्या मारेगा इंसान  
F:-    त्याग तपस्या और प्रेम से होता है कल्याण 
    जिसके संग में हो भगवान उसे क्या मारेगा इंसान 
कोरस :-    जिसके संग में हो भगवान उसे क्या मारेगा इंसान 

अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।