राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
- 30 अगस्त को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त- रात 09 बजकर 01 मिनट से रात 12 बजे तक
- 31 अगस्त को राखी बांधने का मुहूर्त: सूर्योदय काल से सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक
राखी बांधने की विधि और मंत्र
- सावन पूर्णिमा के दिन सबसे पहले स्नान कर साफ सुथरे वत्र धारण करें.
- इसके बाद देवी-देवताओं को प्रणाम करें और कुल देवी-देवताओं का आशीर्वाद लें.
- चांदी, पीतल या तांबे की थाली में राखी, अक्षत, रोली या सिंदूर एक छोटी कटोरी में रखें.
- राखी की थाली को पूजा स्थल पर रखें और सबसे पहली राखी बाल गोपल या अपने ईष्ट देवता को अर्पित करें. भगवान से प्रार्थना करें.
- राखी बंधते समय भाई का मुंह पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए.
- राखी बंधवाते समय भाइयों को सिर पर रुमाल या कोई स्वच्छ वस्त्र रखना चाहिए.
- बहन सबसे पहले भाई के माथे पर रोली का टीका लगाएं.
- टीका के ऊपर अक्षत लगाएं और आशीर्वाद के रूप में भाई के ऊपर कुछ अक्षत छींटें.
- भाई की नजर उतारने के लिए दीप से आरती दिखाएं.
- कहीं-कहीं बहनें अपनी आंखों का काजल भी भाई को लगाती हैं.
- भाई की दायीं कलाई में राखी का पवित्र धागा, (येन बद्धो बलिर्राजा दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वामभिवध्नामि रक्षे मा चल मा चल:।) मंत्र बोलते हुए बांधे.
- इससे राखी के धागों में शक्ति का संचार होता है.
- भाई बहन एक दूसरे को मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराएं.
- अगर भाई बड़ा हो तो बहनें भाई के चरण स्पर्श करें.
- बहनें बड़ी हों तो भाइयों को बहनों के चरण छूकर आशीर्वाद लेना चाहिए.
- भाई वस्त्र, आभूषण या धन देकर बहन के सुखी जीवन की कामना करें.
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