Current Date: 16 Nov, 2024

जा तारु पनिया मे डूबे ए माई

- पवन सिंह


हमरी नगरिया में रहतु मयरिया
हां आ आ ..!
हमरी नगरिया में रहतु मयरिया
चूमती चरन शाम सूबे हो
हां आ आ ..!
चूमती चरन शाम सूबे हो
काहे जा तारु पनिया मे डूबे हो
काहे जा तारु पनिया मे डूबे हो !

[म्यूजिक..]


 
दिल के हलतिया मयरिया कहिले
एको पल नैना के चैना ना मिले
रोवे ओढ़उलवा आ निमिया के झुलुहा
देखs ना बेचारी पतईयो ना हिले
काल्हुवे तs रहलू जमतिया जुटईले
आज काहे लगलू तू ऊबे हो
काहे जा तारु पनिया मे डूबे हो
काहे जा तारु पनिया मे डूबे हो !

[म्यूजिक..]


 
पूछेला पवनवा ई कईसन लिखनवा
साल भर में नवे दिन रहेलु समनवा
एकही विनतिया बा बतिया बता दs
हँस के हँसा के काहे हो जालु सपनवा
कहता विजईया की रहतु हमरे गईया
दिहतु आशीष हमके खूबे हो
काहे जा तारु पनिया मे डूबे हो
काहे जा तारु पनिया मे डूबे हो !

अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।