॥इस योग्य हम कहां॥
M:- इस योग्य हम कहां सांवरे जो तुम्हें हम मनाएं-3
फिर भी मना रहे हैं -2, शायद तू मान जाए
इस योग्य हम कहां सांवरे जो तुम्हें हम मनाएं-2
जब से जन्म लिया है मोह ने है हम को घेरा -2
तेरा नाम जब है पुकारे दुख से है नाता टूटा
सुख भोगने की इच्छा -2, कभी तृप्त ना हो पाए
इस योग्य हम कहां सांवरे जो तुम्हें हम मनाएं-2
जग में जहां भी देखा बस एक ही चलन है -2
एक दूसरे के सुख पर खुद को बड़ी जलन है
कर्मों का लेखा जोखा -2, कोई समझ ना पाए
इस योग्य हम कहां सांवरे जो तुम्हें हम मनाएं-2
जब कुछ ना कर सके तो तेरी शरण में आए -2
हम क्षमा मांगते हैं झेलेंगे सब सजाएं
कब दर्श तू दिखा दे -2, और कुछ ना है हम चाहें
इस योग्य हम कहां सांवरे जो तुम्हें हम मनाएं-3
फिर भी मना रहे हैं -2, शायद तू मान जाए
इस योग्य हम कहां सांवरे जो तुम्हें हम मनाएं-3
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