Current Date: 23 Dec, 2024

ना जाने किस भेस में आ कर

- Satyendra Pathak


ना जाने किस भेस में आ कर काम मेरा कर जाते है,
मैं जो भी मांगू मेरे महादेव चुपके से दे जाते है,
मैं जब भी उनका ध्यान धरु,
मन ही मन शिव का नाम धरु,
महादेव आ जाते मेरे सामने,

बड़े किरपालु बड़े दयालु मेरा भोला भंडारी,
भगतो की हर खबर है रखते जाने कैसे त्रिपुरारी,
मैं तो निष् दिन उनकी सेवा करू,
मन ही मन शिव का नाम जपु,
महादेव आ जाते मेरे सामने,


 

धन दौलत वर पुत्र बाँट ते फिरते महल अटारी ,
बसम रमाये पर्वत मरघट घूमे बनके भिखारी,
मिले जो भी सच्चे मन से कहु
मन ही मन शिव का नाम जपु,
महादेव आ जाते मेरे सामने,

वक़्त पड़ा तो जग की खातिर पी लिये विष का प्याला वो ,
पाप बड़े जब जब धरती पे बने विनाश की ज्वाला वो ,
कितनी मुकेश मैं महिमा कहु,
मन ही मन शिव का नाम जपु,
महादेव आ जाते मेरे सामने,

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