F:- हम तेरे नादान से बालक तुम दया के सागर हो
हम तेरे नादान से बालक तुम दया के सागर हो
एक एक बून्द में तेरे अमृत हमको जान से प्यारा है
हम तेरे नादान से बालक
F:- यह जीवन तेरी अमानत इसको अपना ही मानो
जब तेरी शरण ना आयी अपना इसको ना जाना
तुम हो जग के पालनहारे मेरा भू कुछ ध्यान करो
हम तेरे नादान से बालक तुम दया के सागर हो
एक एक बून्द में तेरे अमृत हमको जान से प्यारा है
हम तेरे नादान से बालक
F:- दुनिया तेरे दर पर मांगे खाली दामन फैलाकर
हाथ पकड़ लो बाबा मेरा ठोकर खाई हूँ दर दर
तुम मेरे बन जाओ बाबा चरणों में यह अर्जी है
हम तेरे नादान से बालक तुम दया के सागर हो
एक एक बून्द में तेरे अमृत हमको जान से प्यारा है
हम तेरे नादान से बालक
F:- तेरी बाहो में बालाजी पलके आज बिछाई है
तेरे होते दुःख पाऊं मै क्या ये तेरी मर्जी है
आज से तेरे दर पर मैंने ये अरदास लगायी है
हम तेरे नादान से बालक तुम दया के सागर हो
एक एक बून्द म
अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।