Current Date: 18 Nov, 2024

हुकुम फरमाओ सांवरिया

- कमल नायक


हुकुम फरमाओ सांवरिया,
खड़ा हूँ सामने तेरे,
जरा बतलाओ सांवरिया,
खड़ा हूँ सामने तेरे,
हुकुम फरमाओ साँवरीया,
खड़ा हूँ सामने तेरे।।

तर्ज – जहाँ बनती है तकदीरे।

मेरे हर मर्ज़ की बाबा,
दवा तुम हो दवा तुम हो,
ये रोगी वैध बिन तड़पे,
कहाँ तुम हो कहाँ तुम हो,
मरहम बन जाओ सांवरिया,
खड़ा हूँ सामने तेरे,
हुकुम फरमाओ साँवरीया,
खड़ा हूँ सामने तेरे।।

दिखाऊं क्या दशा मेरी,
बताऊँ क्या मेरी बातें,
ये दिन गुज़रे उम्मीदों में,
तड़प कर बीती हैं रातें,
कि धीर बंधाओ सांवरिया,
खड़ा हूँ सामने तेरे,
हुकुम फरमाओ साँवरीया,
खड़ा हूँ सामने तेरे।।

भटकता क्यों फिरूं दर दर,
डगर तेरी तरफ अब कर,
दयालु हो दया कि तुम,
नज़र मुझ पर करो गिरधर,
के हाथ बढ़ाओ सांवरिया है,
है ‘गोलू’ सामने तेरे,
हुकुम फरमाओ साँवरीया,
खड़ा हूँ सामने तेरे।।

हुकुम फरमाओ सांवरिया,
खड़ा हूँ सामने तेरे,
जरा बतलाओ सांवरिया,
खड़ा हूँ सामने तेरे,
हुकुम फरमाओ साँवरीया,
खड़ा हूँ सामने तेरे।।

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