होठ मई पावन जपे जो शारदा नाम
करके माँ का ध्यान चल तू सतना में हर धाम
माँ है शब्द अमृत जो पिए सुबह शाम
बचा ले संकट से आपने भक्तो के ये प्राण
करके माँ का ध्यान चल तू सतना में हर धाम
बड़ी दानी कल्याणी है ऐसी मैया
धुप चढ़े तो वो दे प्रेम छैया
कौन नहीं माता का करे गुणगान
करके माँ का ध्यान चल तू सतना में हर धाम
होठ मई पावन जपे जो शारदा नाम
करके माँ का ध्यान चल तू सतना में हर धाम
देवी के दर्शन वही भक्त पाए
माँ अम्बे जिसको निज दर पे बुलाये
दीवाने है दीवाने अम्बे के लोग तमाम
होठ मई पावन जपे जो शारदा नाम
बचा ले संकट से आपने भक्तो के ये प्राण
माँ है शब्द अमृत जो पिए सुबह शाम
बचा ले संकट से आपने भक्तो के ये प्राण
होठ मई पावन जपे जो शारदा नाम
करके माँ का ध्यान चल तू सतना में हर धाम
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