Current Date: 18 Nov, 2024

हे दुःख भंजन, मारुति नंदन।

- Traditional


हे दुःख भंजन, मारुति नंदन।
सुन लो मेरी पुकार,
पवनसुत विनती बारंबार i

अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता,
दुखीं की तुम भाग्य विधाता।
सिया-राम के काज सवनारे,
मेरा कर उद्धार 
पवनसुत विनती बारांबर।
। हे सुख भंजन… 

अपरंपार है शक्ति तुमहारी,
तुम पर रीझ अवध बिहारी।
भक्ति भाव से भयो तोहे,
कर दूखो से पार 
पवनसुत विनती बारंबार।
। हे सुख भंजन… 

जपुन निरंतर नाम तिहारा,
आब नहि चौदुन तेरा द्वार।
राम भक्त मोहे शरण मैं लीजे,
भव सागर से तर 
पवनसुत विनती बारंबार।

हे दुःख भंजन, मारुति नंदन।
सुन लो मेरी पुकार,
पवनसुत विनती बारंबार i

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