Current Date: 17 Nov, 2024

है सर्वेश्वर चक्रगदाधर

- Chetna Shukla


कोरस :-     आआ आआआ आ आआआ
F:-      है सर्वेश्वर चक्रगदाधर नरसिंह संतकुमार 
              है विष्णु है कमलापति है त्रिमूर्ति अवतार 
कोरस :-     आआ आआआ आ आआआ

F:-     है चक्र सुदर्शन के स्वामी है कमलापति -2
                 हम भक्तजनो की लाज रखो है विष्णु जी -2
कोरस :-    हम भक्तजनो की लाज रखो है विष्णु जी
F:-     है चक्र सुदर्शन के स्वामी है कमलापति -2
                 हम भक्तजनो की लाज रखो है विष्णु जी 
कोरस :-    हम भक्तजनो की लाज रखो है विष्णु जी
    आआ आआआ आ आआआ
                                                 
F :-       तुम नर नारायण हो भगवन 
    रूप तुम्हारा है मन भावन 
    चक्र सुदर्शन कर में तुम्हारे 
    लक्ष्मी जी को तुम हो प्यारे 
    नाग शैय्या पे लेटे करने जग की रखवाली -2
    हम भक्तजनो की लाज रखो है विष्णु जी -2
कोरस :-    हम भक्तजनो की लाज रखो है विष्णु जी
    आआ आआआ आ आआआ
                                                   
F:-     जब जब धर्म पे आंच आयी है 
    तुमने धर्म की रक्षा की है 
    दुष्ट सभी जब तुमसे हारे है
    तुमने पापी सभी मारे है
    धर्म नइया तुम्ही ने तुफानो से पार है की -2
    हम भक्त जनो की लाज रखो है विष्णु जी -2
कोरस :-    हम भक्तजनो की लाज रखो है विष्णु जी
    आआ आआआ आ आआआ
            
F:-      शब्द पुराणों में ये लिखे है 
    अवतार चौबीस तुमने लिए है 
    जब भी हुआ अवतार तुम्हारा 
    दिन दुखी ने पाया सहारा 
    अपने भक्तो की पीड़ा हर लेते हो पल में हरी -2
    हम भक्त जनो की लाज रखो है विष्णु जी-2
कोरस :-    हम भक्तजनो की लाज रखो है विष्णु जी
    आआ आआआ आ आआआ
                                   
F :-      तुम ही संत कुमार हो भगवन 
    तुम नारद तुम नर नारायण 
    तुम कच्छप तुम वराह वामन 
    तुम ही मदन तुम ही हो मोहन 
    अमृत तुमने पिलाया देवो को बन मोहिनी -2
    हम भक्त जनो की लाज रक्खो है विष्णु जी -2
कोरस :-    हम भक्तजनो की लाज रखो है विष्णु जी
    आआ आआआ आ आआआ
                            
F:-      तुम बलराम हो तुम श्री कृष्णा 
    तुम ही ऋषभ हो तुम ही हंसा 
    तुम ही मत्स्य हो तुम ही परशु
    बुद्ध पृथु और पुरुषोत्तम 
    हरी प्रिय तुम्हि हो नरसिंह और धन्वंतरि -2
    हम भक्त जनो की लाज रखो है विष्णु जी-2
कोरस :-    हम भक्तजनो की लाज रखो है विष्णु जी
    आआ आआआ आ आआआ
                                            
F:-      वेद पुराणों में आया है 
    ज्ञानियों ने भी बतलाया है 
    कलयुग में तुम फिर आओगे 
    कष्ट से मुक्ति दिलवाओगे 
    रूप उस दम तुम्हारा होगा प्रभु विष्णु कल्कि -2
    हम भक्त जनो की लाज रखो है विष्णु जी-2
कोरस :-    हम भक्तजनो की लाज रखो है विष्णु जी
    आआ आआआ आ आआआ

F :-      तुम जब आये रघुवर बनकर 
    मारा गया पापी दशकंधर
    तेरे  हाथो से जो मरा है 
    रावण को भी मोक्ष मिला है 
    तेरे कारण ही उसको आवागमन से मुक्ति मिली -2
    हम भक्त जनो की लाज रखो है विष्णु जी-2
कोरस :-    हम भक्तजनो की लाज रखो है विष्णु जी
    आआ आआआ आ आआआ
                                    
F :-     कान्हा रूप में तुम जो आये 
    मृत्यु बादल कंस पे छाये 
    मामा कंस को तुमने मारा 
    भव सागर से उसको तारा 
    तेरे जैसा नहीं कोई त्रिभुवन में प्रभु मेधावी -2
    हम भक्त जनो की लाज रखो है विष्णु जी -2
कोरस :-    हम भक्तजनो की लाज रखो है विष्णु जी
    आआ आआआ आ आआआ
                                                    
F:-      भक्त प्रहलाद को तुमने बचाया
    होलिका को भी तुमने जलाया 
    हिरणा कश्यप ध्वस्त किया है 
    अंत उसका तुमने ही किया है 
    अपनी लीला तुम्ही जानो है साक्षी है प्रजापति -2
    हम भक्त जनो की लाज रखो है विष्णु जी-2
कोरस :-    हम भक्तजनो की लाज रखो है विष्णु जी
    आआ आआआ आ आआआ
                        
F:-     चक्र सुदर्शन जब चलता है 
    शत्रु  जनो को ये खलता है 
    इसके लक्ष्य में जो भी आया 
    वो समझो पर लोक सिधारा 
    लीला महिमा समझ में आती नहीं है प्रभु तेरी -2
    हम भक्त जनो की लाज रखो विष्णु जी -2
कोरस :-    हम भक्तजनो की लाज रखो है विष्णु जी
    आआ आआआ आ आआआ
                                        
F :-     कृष्ण बने जब तुम हरी प्रिया
    तुमने रचाई कैसी लीला 
    अर्जुन के रथवान बने तुम 
    पांडव की पहचान बने तुम 
    दिखलाई हे लीला अर्जुन रथ के पहिये की -2
    हम भक्त जनो की लाज रखो विष्णु जी -2
कोरस :-    हम भक्तजनो की लाज रखो है विष्णु जी
    आआ आआआ आ आआआ
                                       
F:-     बुध का रूप जो तुमने धारा
    जग को लगा वो बेहद प्यारा 
    तज संसार को बने तपस्वी 
    साधना तुमने बहुत कठिन की 
    जग ये कहता है आज भी बुधम  शरणम गच्छामि -2
    हम भक्त जनो की लाज रखो विष्णु जी -2
कोरस :-    हम भक्तजनो की लाज रखो है विष्णु जी
    आआ आआआ आ आआआ
                                          
F:-      तुम हो गदाधर तुम हो सुरेश्वर 
    तुम पुरुषेश्वर तुम हो धनेश्वर   
    तुम विश्वकर्मा तुम हो महातप 
    तुम हो हो सारे जग के  विधाता 
    सर्वदर्शी तुम्ही हो और तुम्ही हो लोक स्वामी -2
    हम भक्त जनो की लाज रखो विष्णु जी -2
कोरस :-    हम भक्तजनो की लाज रखो है विष्णु जी
    आआ आआआ आ आआआ

F :-     लक्ष्मी पती तुम कहलाते हो 
    धन की वर्षा करवाते हो 
    सेवा करते हे जो तुम्हारी 
    खाली हो ना इनकी तिजोरी 
    तेरे भक्तो  के घर में करती वास सदा लक्ष्मी -2
    हम भक्त जनो की लाज रखो विष्णु जी -2
कोरस :-    हम भक्तजनो की लाज रखो है विष्णु जी
    आआ आआआ आ आआआ

F:-      तुम हो जगत के करता धर्ता 
    तुम भक्तो के स्वामी दाता
    कहते है सारे श्रद्धालु 
    तुम हो कृपालु तुम हो दयालु 
    विष्णु हरी नारायण जग है तुम्हारा आभारी -2
    हम भक्त जनो की लाज रखो विष्णु जी -2
कोरस :-    हम भक्तजनो की लाज रखो है विष्णु जी
    आआ आआआ आ आआआ
                                 
F:-     विनती किसी की तुमने न टाली
    सब पे दया की दृष्टि डाली 
    धर्म के रक्षक हो तुम भगवन 
    तुमसे डरते धर्म के दुश्मन 
    शंका इसमें कोई नहीं तुम हो प्रभु आदि शक्ति -2
    हम भक्त जनो की लाज रखो विष्णु जी -2
कोरस :-    हम भक्तजनो की लाज रखो है विष्णु जी
    आआ आआआ आ आआआ
                                         
F:-     कितना दानी द्वार तुम्हारा 
    देता है जो सबको सहारा 
    द्वार तुम्हारे आते जो भी
    मन की मुरादे पाते वो भी 
    तेरी चौखट पे आके हो जाती है सबकी भली -2
    हम भक्तजनो की लाज रखो विष्णु जी -2
कोरस :-    हम भक्तजनो की लाज रखो है विष्णु जी
    आआ आआआ आ आआआ
                                             
F:-     है जग दाता है जग स्वामी 
    भक्त जनो की विनती है इतनी 
    भूल न जाना हमको भगवन 
    हम सेवक है तेरे निर्धन 
    तुम चाहो भरेगी हम भक्तो की भी झोली -2
    हम भक्तजनो की लाज रखो है विष्णु जी-2
कोरस :-    हम भक्तजनो की लाज रखो है विष्णु जी
    आआ आआआ आ आआआ
                                           
F:-     हम सबके मन की है इच्छा 
    दर्शन होता रहे तुम्हारा 
    अपने दर पे यु ही बुलाना 
    दर्शन हम भक्तो को दिखाना 
    विनती स्वीकार करना हम दुखियारे भक्तो की-2
     हम भक्तजनो की रखना लाज विष्णु जी-2
कोरस :-    हम भक्तजनो की लाज रखो है विष्णु जी
    आआ आआआ आ आआआ
                                             
F :-     कृपा यदि हो जाए तुम्हारी 
    बन जाए फिर बिगड़ी हमारी 
    नत मस्तक हो शीश नवाये 
    आठों पहर गुण तेरे गाये 
    ज्योत जागकर श्रद्धा पूर्वक करे स्तुति तेरी-2
    हम भक्तजनो की लाज रखो है विष्णु जी -2
कोरस :-    हम भक्तजनो की लाज रखो है विष्णु जी

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