इस घोर नरकमयी जीवन से उद्धार हमारा कब होगा
है राम बताओ कलयुग में अवतार तुम्हारा कब होगा
जिस और नजर डारो धरती अब अनाचार से तजती यहाँ
जनता घुट घुट जीने की हो चुकी अब यस्त यहाँ
इन जंजाल बातो से आखिर अपना छुटकारा कब होगा
है राम बताओ कलयुग में अवतार तुम्हारा कब होगा
तुम जिसे सिंघासन सोप चले वो सत्ता मदमय चूर हुआ
हो गया राहो से विरक्त आहो से कोसो दूर हुआ
अब तुम्ही कहो इस अन्याय तंत्र पर प्रहार कब होगा
है राम बताओ कलयुग में अवतार तुम्हारा कब होगा
बाली ने पत्नी छीनी है सुग्रीव व्यतीत है रो रो कर
अंगद नल नील विभीषण सब जीते है रावण से डरकर
गजेंद्र अनुज इस लंका का फिर वारा न्यारा कब होगा
है राम बताओ कलयुग में अवतार तुम्हारा कब होगा
इस घोर नरकमयी जीवन से उद्धार हमारा कब होगा
है राम बताओ कलयुग में अवतार तुम्हारा कब होगा
अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।