Current Date: 17 Nov, 2024

कब है हरियाली तीज जानें सही तारिख, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त (Kab Hai Hariyali Teej Jane Sahi Tarikh Puja Vidhi Aur Subh Mahurat)

- The Lekh


श्रावण शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए तीज का त्योहार मनाया जाता है. श्रावण में होने के कारण और चारों तरफ हरियाली के कारण इसे हरियाली तीज कहा जाता है. माना जाता है कि इस दिन मां पार्वती ने शिव जी को कठोर तपस्या से प्राप्त किया था. इस दिन वृक्ष, नदियों, जल के देवता वरुण की भी उपासना की जाती है. मुख्य रूप से ये त्योहार अच्छे और मनचाहे वर की प्राप्ति का है. जिन कन्याओं के विवाह में समस्या हो, उनके लिए ये पूजा-उपासना विशेष होती है. जिन महिलाओं का विवाह हो चुका हो, उनको भी इस दिन संयुक्त रूप से शिव पार्वती की उपासना करनी चाहिए. इस बार हरियाली तीज 19 अगस्त 2023, शनिवार को मनाई जाएगी. 

कब है हरियाली तीज

हरियाली तीज का व्रत हर वर्ष सावन मास में शुक्ल पक्ष के तृतीया तिथि को रखा जाता है. इस वर्ष शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 18 अगस्त की रात 8 बजकर 1 मिनट से शुरु हो रही है और यह 19 अगस्त की रात 10 बजकर 19 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. उदयातिथि के अनुसार, हरियाली तीज 19 अगस्त 2023 दिन शनिवार को ही मनाई जाएगी. इस दिन रवि योग का निर्माण भी होने जा रहा है. रवि योग की शुरुआत 19 अगस्त की रात 1 बजकर 47 मिनट पर होगी और समापन 20 अगस्त सुबह 5 बजकर 53 मिनट पर होगा.

हरियाली तीज व्रत नियम और पूजा विधि

  • हरियाली तीज व्रत के दिन सबसे पहले सुबह ब्रह्म मुहूर्त में जग कर स्नान करें और हरे रंग के वस्त्र धारण करें.
  • इसके बाद पूजा घर को अच्छे से साफ-सुथरा कर लें.
  • पूजा घर में चौकी रखें और इस पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं.
  • वस्त्र बिछाने के बाद माता पार्वती, भगवान शिव और गणेश की मिट्टी की मुर्ति बनाकर स्थापित करें.
  • चौकी के दाहिनी तरफ घी के दीपक जलाएं
  • माता पार्वती, भगवान शिव और गणेश की मुर्ति पर रोली और अक्षत का तिलक लगाएं.
  • इसके बाद भगवान शिव को धतूरा, चंदन और सफेद रंग के फूल और माता पार्वती को श्रृंगार की समाग्री अर्पित करें.
  • इसके बाद भगवान भोलेनाथ और देवी पार्वती को भोग अर्पित लगाएं.
  • भोग लगाने के बाद धूप जलाकर हरियाली तीज व्रत कथा पढ़ें.
  • कथा समाप्त होने के बाद आरती कर पूजा का समापन करें.

हरियाली तीज पूजन सामग्री 

केले के पत्ते, बेल पत्र, धतूरा, अंकव पेड़ के पत्ते, तुलसी, शमी के पत्ते, काले रंग की गीली मिट्टी, जनेऊ, धागा और नए वस्त्र. माता पार्वती जी के श्रृंगार के लिए चूडियां, महौर, खोल, सिंदूर, बिछुआ, मेहंदी, सुहाग पूड़ा, कुमकुम और कंघी. इसके अलावा पूजा में नारियल, कलश, अबीर, चंदन, तेल और घी, कपूर, दही, चीनी, शहद ,दूध और पंचामृत.  

मां पार्वती को चढ़ाएं ये चीजें

हरियाली तीज के दिन खुद श्रृंगार करें. इसके साथ ही मां पार्वती को भी सुहाग की सामग्री चढ़ाएं. मां पार्वती को सुहाग का सामान अर्पित करने के लिए एक हरे रंग की साड़ी, चुनरी और सोलह श्रृंगार से जुड़े सुहाग के सामान में सिंदूर, बिंदी, चूड़ियां, माहौर, खोल, कुमकुम, कंघी, बिछुआ, मेहंदी, दर्पण और इत्र जैसी चीजों को जरूर रखें.

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