Current Date: 18 Nov, 2024

हनुमत के गुण गाते चलो

- दीपक राम


हनुमत के गुण गाते चलो,
प्रेम की श्रद्धा बहाते चलो,
राह में आए जो कोई दुखी,
किरपा सभी पे बहाते चलो,
प्रेम की श्रद्धा बहाते चलो।।

तर्ज – प्रेम की गंगा बहाते चलो।

सारी दुनिया ने ठुकराया,
द्वार पे अर्जी लगाया,
चारों ओर अँधेरा छाया,
तब मैंने तुझको बुलाया,
आशा के दीप जलाते चलो,
किरपा सभी पे बहाते चलो,
प्रेम की श्रद्धा बहाते चलो।।

भक्तों के हो तुम प्रतिपाला,
संकट मोचन बाला,
गल वैजन्ती माला सुन्दर,
लाल लंगोटे वाला,
सारे जग में है तेरा ही नाम,
किरपा सभी पे बहाते चलो,
प्रेम की श्रद्धा बहाते चलो।।

चारों ओर है सिर्फ निराशा,
केवल तेरी ही आशा,
मैंने जब जब तुझको पुकारा,
तेरी शरण ही सहारा,
ध्यान लगा के रटते चलो,
किरपा सभी पे बहाते चलो,
प्रेम की श्रद्धा बहाते चलो।।

हनुमत के गुण गाते चलो,
प्रेम की श्रद्धा बहाते चलो,
राह में आए जो कोई दुखी,
किरपा सभी पे बहाते चलो,
प्रेम की श्रद्धा बहाते चलो।।

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