M:- तू सच्चे मन से कर ले -२, इस बजरंगी का गुणगान
दर इनके शीश झुकाले मंजिल हो जागी आसान
तू सच्चे मन से कर ले
जीवन की राह पे प्यारे जब तू भटक जाए
तेरी विपदा सारी हनुमत पल में गटक जाए -२
दौड़ेगी गाड़ी सरपट -२, देखेगा सारा जहान
दर इनके शीश झुकाले
मुश्किलें भले ही कितनी राहो में तेरी आये -२
मेरे बाबा के सोटे आगे वो रुक नहीं पाए -२
हनुमत बड़े दयालु -२, ना बिगड़े दे तेरी शान
दर इनके शीश झुकाले
प्रभु राम के साथ में हरदम रहे बन के सहाई -२
एक राम नाम से बढ़के कोई चीज नहीं भाई -२
बस संजय निर्गुण करता -२, एक तेरा प्रभु ध्यान
दर इनके शीश झुकाले
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