Current Date: 21 Nov, 2024

श्री हुनमान स्तुति (Hanuman Stuti Lyrics in Hindi)

- Prem Prakash Dubey


श्री हुनमान स्तुति

अंजनी मती पाट लालनं ।
 कांचन नदरिक मनीय विग्रहाम ।।

पारिजात तरु मूल वासनाम ।
 भायामि पवमान नन्दनम ।।

गोसपादि कृत्वा रिशम ।
 मस्की कृत राक्षम ।। 

रामायण महा मलारत्नम ।
वंदे अमिल्तजाम ।।

 यत्र यत्र रघुनाथ कृतनम ।
 तत्र तत्र कृत मस्त कांजलिम ।।
 
वास्पारि पारी पूर्ण लोचनं ।
 मरुतिनाम राक्षस सान्तकं ।।

 अंजनी नादनम वीरम ।
जानकी शोक नासनाम ।। 

 कपिक्षमाक हन्तारं ।
वंदे लंका भयंकरम ।।
 
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं ।
दनुजवनकृशानं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।

 सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं ।
 रघुपति प्रियभक्तं वातजातं नमामि।।
रघुपति प्रियभक्तं वातजातं नमामि।।

।। इति हनुमंत स्तुति समाप्त जय सिया राम ।।

 

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