F:- पवन पुत्र हनुमान की अनुपम कथा सुनाती हूँ
मै कथा सुनाती हूँ
भीम बलि बलवान का मै अभिमानदिखाती हूँ
पावन कथा सुनाती हूँ
कोरस:- जय पवन पुत्र हनुमान जय महावीर हनुमान
जय जय जय कृपा निधान जय पवन पुत्र हनुमान
१
F:- द्वापर युग की कथा सुनाऊँ सुनो लगाके ध्यान
जीवन में कभी धन और बल का ना करना अभिमान
कोरस:- ना करना अभिमान
F:- धन और बल ना रहे हमेसा यथा सत्य है बात
रहते नहीं सदा एक जैसे किसी के भी हालात
कोरस:- किसी के भी हालात
F:- महाभारत से विजयी हो कर पांडव हुए महान
जिसको देखो उसी के सर पे चढ़ बैठा अभिमान
कोरस:- सर पे चढ़ बैठा अभिमान
F:- महाभारत पश्चात का एक प्रसंगदिखाती हूँ
बलि भीम के घमंड का तुमको रंग दिखाती हूँ
कोरस:- तुमको रंग दिखाती हूँ
F:- सुनो ध्यान से अब आगे मै कथा बढ़ाती हूँ
मै कथा सुनाती हूँ
भीम बलि बलवान का मै अभिमान दिखाती हूँ
पावन कथा सुनाती हूँ
कोरस:- जय पवन पुत्र हनुमान जय महावीर हनुमान
जय जय जय कृपा निधान जय पवन पुत्र हनुमान
२
F:- भीम को था अभिमान की मैंने युद्ध जिताया है
मेरी गदा ने कौरव कुल का नाश कराया है
कोरस:- कुल का नाश कराया
F:- तीनो लोको में मुझ जैसा बलशाली होगा कौन
जो भी सुनतीभीम की बाते हो जातीवो मौन
कोरस:- बाते हो जातीवो मौन
F:- लेने चला फूल पूजा के भीम बलि वन में
चला वो जैसे गज मदमातीपुलकित सा मन में
कोरस:- पुलकित सा मन में
F:- हनुमान ने सोचा अभी ये बालक है नादान
इसके सिर से कैसे उतरे चढ़ा है जो अभिमान
कोरस:- चढ़ा है जो अभिमान
F:- क्या करते है हनुमान जी वो बतलाती हूँ
पावन कथा सुनाती हूँ
भीम बलि बलवान का मै अभिमान दिखाती हूँ
पावन कथा सुनाती हूँ
कोरस:- जय पवन पुत्र हनुमान जय महावीर हनुमान
जय जय जय कृपा निधान जय पवन पुत्र हनुमान
३
F:- वृद्ध रूप धारण करते है पवन पुत्र हनुमान
होठो पे थी मधुर मनोहर मंद मंद मुस्कान
कोरस:- मनोहर मंद मंद मुस्कान
F:- डाल के लम्बी पूंछ राह में हनुमंत बैठ गए
आते देख भीम को हनुमंत वही पे लेट गए
कोरस:- हनुमंत वही पे लेट गए
F:- भीम बलि जब वानर को राह पड़े पाया
पल भर में उसकी आँखों में क्रोध उतर आया
कोरस:- आँखों में क्रोध उतर आया
F:- गरज का बोला भीम ओ वानर पूंछ हटा पथ से
मुझे बतीतू बीच राह में सोया है कब से
कोरस:- राह में सोया है कब से
F:- कहते है बजरंग बलि जी वो बतलाती हूँ
पावन कथा सुनाती हूँ
भीम बलि बलवान का मै अभिमान दिखाती हूँ
पावन कथा सुनाती हूँ
कोरस:- जय पवन पुत्र हनुमान जय महावीर हनुमान
जय जय जय कृपा निधान जय पवन पुत्र हनुमान
४
F:- बूढ़ा मै हो चुका हूँ भाई बदन हुआ कमजोर
लेने फूल सुनो मेरे भाई तुम जाओ कही और
कोरस:- भाई तुम जाओ कही और
F:- पूंछ हटाने तक मुझ में नहीं बची है जान
घूम के थोड़ा चले जाओ तुम ना करो मुझे परेशान
कोरस:- ना करो मुझे परेशान
F:- गरज के बोला भीम बलि वो अभी बतातीहूँ
पूंछ पकड़ में अभी मै तेरी तुझे घुमात हूँ
कोरस:- मै तेरी तुझे घुमात हूँ
F:- बोले बूढ़े हनुमान जी तुम हो बड़े बलवान
पूंछ हमारी कर दो किनारे मानूंगा एहसान
कोरस:- मानूंगा एहसान
F:- होती है अब आगे क्या मै वो दिखलाती हूँ
पावन कथा सुनाती हूँ
भीम बलि बलवान का मै अभिमान दिखाती हूँ
पावन कथा सुनाती हूँ
कोरस:- जय पवन पुत्र हनुमान जय महावीर हनुमान
जय जय जय कृपा निधान जय पवन पुत्र हनुमान
५
F:- पवन पुत्र की पूंछ उठाने झुका भीम बलवान
पूंछ ना हिली धरा हिल गई हुआ भीम हैरान
कोरस:- हुआ भीम हैरान
F:- जोर लगा के हार गया वो मगर हिली ना पूंछ
मान गया अभिमान भी गया नीची हो गई मूंछ
कोरस:- नीची हो गई मूंछ
F:- बोले हंस के भीम बलि से पवन पुत्र हनुमान
क्या हुआ भाई हाफ रहे क्यों तुम हो बड़े बलवान
कोरस:- तुम हो बड़े बलवान
F:- मै हूँ बूढ़ा हिल नहीं सकतीमै हूँ बड़ा लाचार
पूंछ यदि ना हिले लांघ के हो जाओ उस पार
कोरस:- लांघ के हो जाओ उस पार
F:- हाथ जोड़ फिर बोले क्या भीम क्या वो बतलाती हूँ
पावन कथा सुनाती हूँ
भीम बलि बलवान का मै अभिमान दिखाती हूँ
पावन कथा सुनाती हूँ
कोरस:- जय पवन पुत्र हनुमान जय महावीर हनुमान
जय जय जय कृपा निधान जय पवन पुत्र हनुमान
६
F:- साधारण से वानर हमको लगते नहीं है आप
क्षमा मांगतीहूँ मै आपसे जोड़ के दोनों हाथ
कोरस:- जोड़ के दोनों हाथ
F:- कौन हो प्रभु तुम हमें बतीदो दूर करो संदेह
स्वांग रचा है वृद्ध का लेकिन वृद्ध नहीं है देह
कोरस:- लेकिन वृद्ध नहीं है देह
F:- विनय करूँ मै सत्य बतीदो प्रभु आप है कौन
संशय में ना छोड़ो हमको तोड़ो अपना मौन
कोरस:- तोड़ो अपना मौन
F:- बोले हनुमत मंद स्वरों में बोलो जय श्री राम
प्रभु चरणों का सेवक हूँ मै हनुमान मेरा नाम
कोरस:- हनुमान मेरा नाम
F:- नाम जान के भीम ने फिर क्या किया बताती हूँ
पावन कथा सुनाती हूँ
भीम बलि बलवान का मै अभिमान दिखाती हूँ
पावन कथा सुनाती हूँ
कोरस:- जय पवन पुत्र हनुमान जय महावीर हनुमान
जय जय जय कृपा निधान जय पवन पुत्र हनुमान
७
F:- हाथ जोड़ करे चरण वन्दना भीम बलि बलवान
चूर हो गया दो ही घड़ी में जिसका हर अभिमान
कोरस:- जिसका हर अभिमान
क्षमा करो हे महाबली जी जान मुझे नादान
F:- अनजाने में मुझ से हुआ है आपका जो अपमान
विजय के मद में हो के चूर मै बन बैठा अज्ञान
कोरस:- चूर मै बन बैठा अज्ञान
F:- कर दो क्षमा भूल सब मेरी ज्ञान वान दया वान
हनुमान फिर भीम बलि को गले लगाते है
कोरस:- गले लगाते है
F:- सरल सुलभ जीवन का भीम को पाठ पढ़ाते है
कृपा करो सुखदेव पे बाबा शीश झुकाती हूँ
पावन कथा सुनाती हूँ
भीम बलि बलवान का मै अभिमान दिखाती हूँ
पावन कथा सुनाती हूँ
कोरस:- जय पवन पुत्र हनुमान जय महावीर हनुमान
जय जय जय कृपा निधान जय पवन पुत्र हनुमान
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