Current Date: 18 Oct, 2024

हनुमान अमृतवाणी

- Rakesh Kala


हनुमान अमृतवाणी

F:- रामायण में कांड है भक्तों सुंदरकांड
सुंदरकांड के महानायक महावीर हनुमान
लीला श्री हनुमान की कहता सुंदरकांड
जय जय कार लगा रहा यह सारा ब्रह्मांड
राम के काज बनाई के पाया परम स्थान
जिनके हृदय में बसे भक्तों सीताराम
रामदूत बजरंगबली रूद्र के हैं अवतार
पवन पुत्र के चरणों में नमन है सौ सौ बार
कोरस:- जय जय श्री हनुमान बजरंगी बलवान -2

F:- रामायण की माला के मोती है महावीर
धर्म रूप धर्मात्मा धीर वीर रणधीर
उनके काज सवारते जो सुमिरे श्री राम
चरण शरण में आए जो बनते बिगड़े काम
राम की माला यह जपे लेते राम का नाम
राम चरण में हनुमत का भक्तों परम है धाम
मंगल मूर्ति आप हो संकट मोचन आप
एक आपके सुमिरन से मिटते पाप संताप
कोरस:- जय जय श्री हनुमान बजरंगी बलवान -2

F:- निष्ठा पूर्वक आपको नित्य नियम से ध्याये
भव में नैया ना रहे हनुमत पार लगाए
 तुलसीदास के आपने अनु जगाए भाग
संत महात्मा बन उन्हें दर्श दिखाएं आप
सूझबूझ में आपका कोई नहीं जवाब 
राम प्रभु के आपने सगरे बनाए काज
छाया हनुमत आपकी जिसके सर पड़ जाए
काल भी उन सब भक्तों का कुछ बिगाड़ ना पाए
कोरस:- जय जय श्री हनुमान बजरंगी बलवान -2

F:- मंगल मूर्ति आप हो मारुति नंदन नाम
आपके चरण कमल प्रभु सत सत मेरा प्रणाम
राम रसायन हे प्रभु रहता आपके पास
राम प्रभु है आपके आप राम के दास
निजी स्वार्थ को त्याग के राम के भजन सुनाएं
तन मन धन श्री राम के नाम आप कर जाएं
वाल्मीकि ने आपकी महिमा अमित सुनाएं
कैसे बने हनुमान जी रामचंद्र के सहाय
कोरस:- जय जय श्री हनुमान बजरंगी बलवान -2

F:- दुर्गम काज सुगम करें विपदा सगरी मिटाए
राम नाम जो जपते उनको शरण लगाएं 
जैसे सागर लांग के सीता की सुध लाए 
तुम भी आराधन करो सगरे काज बन जाए 
जैसे लंका जलाई के असुर किए संघार
जला मेरे संत आपको भाव से लगाओ पार
जैसे बूटी लाई के लखन के राखे प्राण 
वैसे अपने भक्तों की आप हैं रखते आन
कोरस:- जय जय श्री हनुमान बजरंगी बलवान -2

F:- ज्ञान सभी को बांटते भरते सब अज्ञान
महिमा हनुमत आपकी गाते वेद पुराण
सद्गुण का भंडार है दूण दूण दूर भगाए
राम सिया को आपने मन मंदिर में बिठाए
श्री राम के दूत हैं पवन देव के लाल
माथे मुकुटा है सजा तिलक लगा है धार
कांधे मूंज जनेऊ है गदा आपके हाथ
गले पुष्प का हार है स्वर्ण मुकुट है माथ
कोरस:- जय जय श्री हनुमान बजरंगी बलवान -2

F:- श्रद्धा से भक्तों करो हनुमान का जाप
मिट जाएंगे जीवन के पाप ताप संताप
मंगल को जन्मे प्रभु मंगलमय है नाम
मंगल मूर्ति आपको बारंबार प्रणाम
आप की महिमा का हनु वर्णन किया ना जाए
एक आराधन आपका भव से पार लगाए
जिनके मनवा है बसे अति श्रेष्ठ महाराज
उन भक्तों के पूर्ण हो बिगड़े सारे काज
कोरस:- जय जय श्री हनुमान बजरंगी बलवान -2

F:- अंजनी लाल के हाथ में सौंप दे जीवन डोर
तिमिर अज्ञान का हरे हो जीवन में भोर 
राम नाम को गाय के जप लीजिए हनुमान 
मुश्किल दूर भगा एंगे बन जाएंगे काम
कल्पतरु के समान है श्री हनुमत का ध्यान 
भक्तों का पल में करें श्री हनुमत कल्याण 
आप गुणों की खान हो आप हो दया निधान 
धरती अंबर है करें आप ही का गुणगान
कोरस:- जय जय श्री हनुमान बजरंगी बलवान -2

F:- बल और बुद्धि प्रदान करें भाग्य उदय कर जाएं
भक्तों का प्रतिशोध करें ज्ञान की जोत जगाय
सुख के सागर आप हो ज्ञान दिवाकर आप 
आप दिन के अनाथ हो नाथों के हो नाथ 
भक्ति करो हनुमान की राम प्रभु मिल जाए 
एक हनुमत का नाम ही मुक्ति फल दे जाए 
बुरे कर्म को काटते प्रभु की अलग लगाम 
जनम जनम के मानव के सोए भाग जगाए
कोरस:- जय जय श्री हनुमान बजरंगी बलवान -2

F:- अमृतवाणी आपकी अमृतमय है नाम
राम दुलारे आप को बारंबार प्रणाम
हनुमान की चालीसा पढे जो कित को लाय
हनुमान के संग उन्हें राम कृपा मिल जाए
बजरंग बाण के पाठ से प्राणी पाता मोह
जीवन के संकट मिटे कट जाता है डोर
चंदन का वंदन प्रभु कर लीजिए स्वीकार
चरण धूलि से तिलक करें होता बेड़ा पार
कोरस:- जय जय श्री हनुमान बजरंगी बलवान -2
 

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