Current Date: 18 Nov, 2024

हारे का सहारा

- Keshav Sharma


बिलकुल सच्ची है ये बात जिसके सर पे इसका हाथ 
हारकर भी कभी वो न हारा ये हारे हुआ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
डुबो का है ये किनारा श्याम खाटू का हमारा 
जिनको चाहता है ये जग सारा ये है हारे हुआ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
एक सच्ची कहानी सुनाता हु में 
श्याम की मेहेरबानी बताता हु में 
श्याम भक्तो के आसु कैसे पोछते 
भक्तो के घर तलक कैसे ये पहुंचते 
जिनका पक्का है विशवास बाबा आते उनके पास 
छोड़कर अपना खटु का द्वारा ये है हारे हुआ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
नामगुम है मगर दिल्ली का था शहर
संग परिवार के करता था बशर 
उसके परिवार पे किरपा थी श्याम की
जोत जलती थी घर में इसी  नाम की 
हर पल घर में खुशिया रहती
सुन्दर पत्नी दो थी बेटी ये
एक सुंदर सा बेटा था प्यारा  है हारे हुआ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा  
श्याम की किरपा से थी सव चल रहा 
श्याम के नाम से काम सब चल रहा 
नाम उसका पड़ा ही था परिवार में 
पूछते थे सभी उसको घरबार में 
अच्छी तनख्वाह वो पाता था 
आला रुतबा वो पाता था 
मस्ती में हो रहा था गुजारा ये है हारे हुआ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
इनकी खुशियों की किसकी नजर लग गयी 
घर के मुखिया की तो बुद्धि फिर गयी 
एक ओरत के वो फस गया जाल में 
फस गया उसके योवन के जंजाल में 
रहती थी जहा खुशहाली 
उस घर में बस गयी बदहाली  
धूल में मिल गया रुतबा सारा ये है हारे हुआ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा
रोज अब वो बहाने बनाने लगा 
वक़्त बेवक्त घर आने जाने लगा 
पत्नी कहती तुम्हे क्या हुआ आजकल 
काम का बोझ ज्यादा बताने लगा 
में हु एक कमाने वाला है परिवार खाने वाला 
बोझ मुझपर है घर का सारा ये है हारे हुआ का सहर 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
नशा ओरत का उसपर चढ़ा इस कदर 
कर बहाने वो गायब रहता रात भर 
आँखों में   रात पत्नी गुजारती थी 
बच्चो को देख रास्ता निहारती थी 
रातको ना आता दीवाना वैसी औरत का परवाना 
बच्चो को कर दिया परवाना ये है हारे हुआ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
एक दिन द्वार पर साधु आया कोई 
साधु को देखके अबला रोने लगी 
रट रट सभी बाते बतलायी तब 
साधु ने खाटू जाने की बात कही 
जब तक देर कहा था मारा 
खाटू वाला देता सहारा उसने लाखो को पार उतरा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
घर में कंगाली थी एक पायी ना थी 
श्याम की जोत कबसे जलाई ना थी 
मिटटी की छोटी गुल्लक तो लायी तभी 
छोटी बिटिया ने माँ को थमाई तभी 
पैसे मेने जोड़े है सब हमको पापा देते थे तब 
काम बन जायेगा अब हमारा ये है हारे हुआ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
एक कोने में बेटी बड़ी रो रही 
एक कोने बेटा खड़ा रो रहा 
तीनो बच्चो को माँ ने लगाया गले 
एक खुशहाल घर क्या से क्या हो गया 
कुदरत जिसको देखके रोते 
होश भी अपने होश को खोते 
बेबसी का ऐसा था नजारा ये है हारे हुआ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
जैसे तैसे किराया इकठा किया 
खाटू जाने का पक्का इरादा किया 
श्याम के आसरे बच्चो को छोड़कर 
खाटू के बस में बैठी सोचके 
श्याम को अपने मन की बात कहदूंगी सारे बात 
मन ही मन उसने विचार ये हारे हुआ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
श्याम से कोई बात ना छुपती कभी 
भक्तो की जनता है वो बाते सभी 
सारी दुनिया में दातारि उसकी चले 
उसकी चौखट पे हर एक मुश्किल टले
ऐसा है लखदातार जो भी आता उसकी द्वार 
उसका भरता सदा भंडारा ये है हारे हुए का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
खाटू में उत्तरी बस से वो अबला तभी 
पागलो की तरह दौड़ने वो लगी 
भीड़ में रास्ता कोई दिख ना रहा 
मेला फागुन में बाबा का तभी लग रहा 
देख के लोग सभी थे हैरत पागल सी हो रही हालत 
श्याम को रोते हुए उसने पुकारा ये है हारे हुऐ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
एक बच्चा कही से तभी आ गया 
उसके ऊँगली पकड़ श्याम दर ले गया 
श्याम के दर पे उस अबला को छोड़कर 
नन्हा बच्चा कही पर वो गुम हो गे 
उसने देखके ही नहीं पाया थी ये श्याम का अद्भुत माया 
बच्चा ना दिखा फिर दोबारा ये है हारे हुआ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
श्याम को देखकर रोई वो फुटकर 
गिर पड़ी उसकी चौखट पे वो टूटकर 
माथे से खून की धरा बेहेने लगी 
उसकी चौखट पे वो सर पटकने लगी 
जिसका टूटता है परिवार हो जाते है वो लाचार 
खुदको समझे है वो बेसहारा ये है हारे हुओ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
खाटू से श्याम की कृपा दिल्ली चली 
चलते चलते दीवाने को ठोकर लगी 
ठोकर लगते जमीं पर दीवाना गिरा 
सामने श्याम का एक नजारा दिखा 
बाबा के कीर्तन को देखा 
बाबा के भक्तो को देखा 
गूंजता देखा श्याम जैकारा ये है हारे हुआ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
कर्म जो थे किये सारे दिखने लगे 
आँखों के सामने ही चमकने लगे 
रोते रोते कीर्तन में गया श्याम के 
फुटकर रो पड़ा चरणों में श्याम के 
बाबा मुझको दे दो माफ़ी अब ना होगी भूल जरा भी 
मुझको दुनिया ने है ठुकराया ये है हारे हुओ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
में दरिंदा हुआ था मेरे सांवरे 
भूल मुझसे हुई हाथ अब थाम ले 
कर्म माफ़ी के काबिल नहीं है मेरे 
लेकिन चोखट पर अब आ गया हु तेरे 
तू है हारो का सहारा  छोड़कर आता खाटू द्वारा 
जिसने दिल से तुझको पुकारा ये है हारे हुओ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
श्याम के हाथो में जिसकी पतवार है 
उसके कश्ती तो भाव से हुई पार है 
आती है मुश्किलें पर निकल जाती है 
एक दिन श्याम की किरपा मिल जाती है 
आयी खुशिया घर में वापिस 
पायी श्याम की उसने रेहमत 
उजड़े गुलशन को फिर से सवारा ये है हारे हुआ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
हारे का सहारा ये है हारे हुआ का सहारा 
 

अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।