गुरु ज्ञान की हो बरसात आप के वचनो से
अमृत बरसे दिन रात आप के वचनो से
सत्ये का दर्पण दिखा दिया है नींद से मुझे जगा के
हे आचार मेरी आँखों में देखा जब मुसका के
मैं समझ गया हर बात आप के वचनो से
गुरु ज्ञान की हो बरसात आप के वचनो से
सच कहता हु आप से नाता जोड़ा मैंने जब से
लोभ मोह छल कपट वासना पास ना आये तब से
हो शुरू मेरी परभात आप के वचनो से
गुरु ज्ञान की हो बरसात आप के वचनो से
बून्द था मैं पानी की आप ने सागर बना दियां
खाली मन को ज्ञान का गुरु वर गागर बना दियां
मिलता है प्रभु का साथ आप के वचनो से
गुरु ज्ञान की हो बरसात आप के वचनो से
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