दिवाली के अगले दिन, गोवर्धन पूजा (जिसे अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है) मनाई जाती है। परंपरा यही है कि दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन भगवान की पूजा होती है। शास्त्रों के मुताबिक, कार्तिक माह में अमावस्या के दूसरे दिन प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा का महत्व बताया जाता है। गोवर्धन पूजा में अन्नकूट बनाना शामिल है और गोवर्धन की आकृति बनाने के लिए गाय के गोबर का उपयोग किया जाता है।
गोवर्धन पूजा 2023 की तिथि (Govardhan Puja 2023 Date and Time)
इस साल गोवर्धन पूजा 14 नवंबर 2023 को है। इस वजह से गोवर्धन पूजा और भाई दूज एक ही दिन: ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 14 नवंबर 2023 को उदयातिथि में गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाएगा।
गोवर्धन पूजा 2023 विधि / मुहूर्त (Govardhan Puja 2023 Vidhi and Muhurta)
इस साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 14 नंबर को 4 बजकर 18 मिनट से शुरू होकर 15 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 42 मिनट तक है | गोवर्धन पूजा 14 नवंबर को मनाई जाएगी और पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 4 बजकर 18 मिनट से 8 बजकर 43 मिनट तक है|
गोवर्धन पूजा 2022 का महत्व (Govardhan Puja 2022 Significance )
बता दें कि भगवान इंद्र जब क्रोधित हो गए थे जब श्री कृष्ण ने ब्रजवासियों से गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा करने को कहा। इसके बाद अपने क्रोध में इंद्र ने ऐसी मूसलाधार वर्षा की कि ब्रजवासियों का जीवन संकटमय हो गया। तब श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों और पशुओं की रक्षा के लिए अपनी छोटी उंगली से गोवर्धन पर्वत को उठा लिया।
उन्होंने इस पर्वत के नीचे सात दिनों तक शरण ली। यही कारण है कि गोवर्धन पूजा के दौरान लोग इस पर्वत को गाय के गोबर से तराश कर उसकी सात बार परिक्रमा करते हैं।
गोवर्धन पूजा 2022 के लिए पूजा सामग्री (Govardhan Puja 2022 Pooja Samagri)
देवता को अर्पित की जाने वाली मिठाई, अगरबत्ती, फूल, ताजे फूलों से बनी माला, रोली, गोवर्धन पूजा सामग्री की सूची में चावल और गाय का गोबर सभी शामिल हैं। छप्पन भोग, जिसमें 56 विभिन्न खाद्य पदार्थ होते हैं, तैयार किया जाता है, और पंचामृत शहद, दही और चीनी का उपयोग करके बनाया जाता है।
अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।