गायत्री मंत्र हिंदी में अर्थ सहित (Gayatri Mantra Hindi Arth Sahit )
मंत्र
ॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥
ॐ : परब्रह्मा का अभिवाच्य शब्द
भूः : भूलोक
भुवः : अंतरिक्ष लोक
स्वः : स्वर्गलोक
त : परमात्मा अथवा ब्रह्म
सवितुः : ईश्वर अथवा सृष्टि कर्ता
वरेण्यम : पूजनीय
भर्गः: अज्ञान तथा पाप निवारक
देवस्य : ज्ञान स्वरुप भगवान का
धीमहि : हम ध्यान करते है
धियो : बुद्धि प्रज्ञा
योः : जो
नः : हमें
प्रचोदयात् : प्रकाशित करें।
अर्थ: : हम ईश्वर की महिमा का ध्यान करते हैं, जिसने इस संसार को उत्पन्न किया है, जो पूजनीय है, जो ज्ञान का
भंडार है, जो पापों तथा अज्ञान की दूर करने वाला हैं- वह हमें प्रकाश दिखाए और हमें सत्य पथ पर ले जाए।
गायत्री मंत्र इंग्लिश में अर्थ सहित (Gayatri Mantra In English with Meaning)
MANTRA
om bhuurbhuvah sv: tatsaviturvareṇyam bhargo devasy dhiimahi dhiyo yo nah prachodayaat ॥
MEANING
om : parabrahmaa kaa abhivaachy shabd
bhuuah : bhuulok
bhuvah : amtariksh lok
svah : svargalok
tat : paramaatmaa athavaa brahm
savituah : iishvar athavaa sṛshṭi kartaa
vareṇyam : puujaniiy
bhargah: ajñaan tathaa paap nivaarak
devasy : jñaan svarup bhagavaan kaa
dhiimahi : ham dhyaan karate hai
dhiyo : buddhi prajñaa
yoah : jo
nah : hamen
prachodayaat : prakaashit karen.
Arth: : ham iishvar kii mahimaa kaa dhyaan karate hain, jisane is samsaar ko utpann kiyaa hai, jo puujaniiy hai, jo jñaan kaa
bhanḍaar hai, jo paapon tathaa ajñaan kii duur karane vaalaa hain- vah hamen prakaash dikhaae or hamen saty path par le jaae.
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