Current Date: 21 Nov, 2024

Ganesh Gayatri Mantra 108 Times (गणेश गायत्री मंत्र 108 बार)

- Suresh Wadkar


हिंदू धर्म में गणेश जी को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है मान्यता है कि गणेश भगवान सच्चे दिल से पूजा-अर्चना की जाए तो वे भक्तों के सारे दुख-दर्द और विघ्न दूर कर देते  है।  सनातन धर्म में हर कार्य को करने से पहले श्री गणेश का पूजन किया जाता है। एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् - गणेश गायत्री मंत्र का शांत मन से लगातार 11 दिन तक 108 बार जप करने से गणेशजी की विशिष्ट कृपा होती है। गणेश जी के मंत्रों का जाप कर लोग सिद्धिया प्राप्त करते  है। 

 

-:गणेश गायत्री मंत्र:-

ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात।।

एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

 

Ekadantaay Vidmahe, Vakratundaay Dheemahi, Tanno Danti Prachodayaat.

Mahaakaaranaay Vidmahe, Vakratundaay Dheemahe, Tanno Danti Prachodayaat.

 

अर्थ: हम उस एक दन्त भगवान गणेश की प्रार्थना करते हैं, जो सर्वव्यापी है। हम ध्यान और प्रार्थना करते है उस हाथी के आकार वाले भगवान से बुद्धि के लिए। हम, ज्ञान के साथ अपने दिमाग को रोशन करने के लिए एकल दन्त भगवान गणेश के सामने झुकते हैं।

 

गणेश गायत्री मंत्र जाप की विधि-
  • सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानदि करें। गणेश गायत्री मंत्र जाप करना चाहिए
  • गणेश गायत्री इस मंत्र का जाप 108 बार करना चाहिए
  • उन्हें सिंदूर, दूर्वा, गंध, अक्षत (चावल), सुगंधित फूल, जनेऊ, सुपारी, पान, फल, आदि चीजें अर्पित करें।
  • गणेश गायत्री मंत्र आर्थिक प्रगति व समृद्धि प्रदायक है। मंत्र के जप करने से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है।

-:तांत्रिक गणेश मंत्र:-

 

ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरू गणेश।

ग्लौम गणपति, ऋदि्ध पति, सिदि्ध पति। मेरे कर दूर क्लेश।।

 

-:गणेश कुबेर मंत्र:-

 

ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।

-:गणेश जी की पूजा जाप:-

 

ओम गं गणपतये नमः

ओम एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात्।

गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः।

ओम श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।

ओम वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा

ओम हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा

-:श्री गणेश भजन:-

ॐ गन गणपतए नमो नमः

श्री सिद्धि विनायक नमो नमः

अष्टविनायक नमो नमः

गणपति बाप्पा मोरया 

 

ॐ गन गणपतए नमो नमः

श्री सिद्धि विनायक नमो नमः

अष्टविनायक नमो नमः

 गणपति बाप्पा मोरया 

 

ॐ गन गणपतए नमो नमः

श्री सिद्धि विनायक नमो नमः

अष्टविनायक नमो नमः

गणपति बाप्पा मोरया 

 

ॐ गन गणपतए नमो नमः

श्री सिद्धि विनायक नमो नमः

अष्टविनायक नमो नमः

 गणपति बाप्पा मोरया 

 

ॐ गन गणपतए नमो नमः

श्री सिद्धि विनायक नमो नमः

अष्टविनायक नमो नमः

गणपति बाप्पा मोरया 

 

ॐ गन गणपतए नमो नमः

श्री सिद्धि विनायक नमो नमः

अष्टविनायक नमो नमः

 गणपति बाप्पा मोरया 

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