गणेश चतुर्थी पूजा विधि
गणेश चतुर्थी व्रत भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन गणेश जी की विशेष पूजा की जाती है। पंचांग के अनुसार हर महीने दो चतुर्थी आती हैं। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। हर महीने पड़ने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है, जबकि शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है। इस दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
सभी देवताओं में गणेश जी का स्थान सर्वोपरि है। गणेश जी को सभी परेशानियों और बाधाओं को दूर करने वाला माना जाता है। भगवान गणेश की नियमित पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है।
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विनायक चतुर्थी पूजा विधि कैसे करें:
मान्यता के अनुसार चतुर्थी तिथि की पूजा दोपहर के समय करनी चाहिए। क्योंकि शाम के समय चंद्रमा को नहीं देखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा को देखने से झूठा कलंक लगता है। मान्यता के अनुसार द्वापर युग में भगवान कृष्ण ने विनायक चतुर्थी की रात को चंद्रमा देखा था, जिसके बाद उन्हें स्यामंतक मणि चोरी करने के लिए झूठा कलंक लगाया गया था।
इस दिन प्रात:काल स्नान कर व्रत का संकल्प लें और पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र कर पूजा प्रारंभ करें। भगवान गणेश को पीले फूलों की माला अर्पित करने के बाद धूप-दीप, नैवेद्य, अक्षत और उनकी प्यारी दूर्वा घास अर्पित करें। इसके बाद मिठाई या मोदक का भोग लगाएं। अंत में व्रत कथा पढ़कर गणेश जी की आरती करें।
मान्यता के अनुसार भगवान गणेश को सिंदूर बहुत प्रिय होता है इसलिए विनायक चतुर्थी के दिन पूजा के समय गणेश जी को लाल रंग के सिंदूर का तिलक लगाएं। सिंदूर चढ़ाते समय निम्न मंत्र का जाप करें-
सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम् ।
शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम् ॥
Ganesh Chaturthi Puja Vidhi
Vinayaka Chaturthi fast is dedicated to Bhagwan Ganesh. Special worship of Ganesh is done on this day. According to the Panchang, there are two Chaturthi every month. One in Shukla Paksha and one in Krishna Paksha. The Chaturthi of Krishna Paksha falling every month is called Sankashti Chaturthi, while the Chaturthi of Shukla Paksha is called Vinayaka Chaturthi. On this day Bhagwan Ganesh, the obstacle course, is worshiped.
The place of Ganesh ji is paramount among all the deities. Ganesh ji is considered to be the remover of all troubles and obstacles. By worshiping Bhagwan Ganesh regularly, happiness and prosperity increases in the house.
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How to do Vinayaka Chaturthi Puja Vidhi:
According to the belief, the worship of Chaturthi Tithi should be done in the afternoon. Because the moon should not be seen in the evening time. It is believed that seeing the moon on this day gives false stigma. According to the belief, Bhagwan Krishna had seen the moon on the night of Vinayaka Chaturthi in Dwapar Yuga, after which he was falsely stigmatized for stealing the Syamantaka gem.
On this day, after taking a bath in the morning, take a vow of fasting and start the worship by sanctifying the place of worship with Gangajal. After offering a garland of yellow flowers to Bhagwan Ganesh, offer incense-lamp, naivedya, Akshat and his beloved Durva grass. After this, offer sweets or modak. In the end, after reading the fast story, do the aarti of Ganesh ji.
According to the belief, Bhagwan Ganesh is very dear to vermilion, so at the time of worship on Vinayaka Chaturthi, apply red colored vermilion tilak to Ganesh ji. While offering vermilion, chant the following mantra-
Sindooram shobhanam raktam saubhagyam sukhavardhanam.
Shubhadam kamadam chaiva sindooram pratigrihyatam.
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