गजानन गणेशा हैं गौरा के लाला,
दयावन्त इकदन्त स्वामी कृपाला ||
है सबसे जुदा और सबसे ही न्यारी,
है शंकर के सूत तेरी मूषक सवारी ||
होती देवों में प्रथम तेरी पूजा,
नहीं देव कोई है तुमसे निराला ||
गजानन गणेशा हैं गौरा के लाला,
दयावन्त इकदन्त स्वामी कृपाला ||
गजानन गणेशा हैं गौरा के लाला,
दयावन्त इकदन्त स्वामी कृपाला ||
जो है बाँझ संतान उनको मिली है,
जो है सुने आँगन वहां कलियाँ खिली है ||
कोढ़ी तुम देते कंचन सी काया,
भूखे को देते हो तुम ही निवाला ||
गजानन गणेशा हैं गौरा के लाला,
दयावन्त इकदन्त स्वामी कृपाला ||
गजानन गणेशा हैं गौरा के लाला,
दयावन्त इकदन्त स्वामी कृपाला ||
रिद्धि और सिद्धि हो तुम देने वाले,
ये तन मन ये जीवन है तेरे हवाले ||
अविनाश गाए और छूटे ना सरगम,
बना दे ‘बिसरया’ तू गीतों की माला ||
गजानन गणेशा हैं गौरा के लाला,
दयावन्त एकदन्त स्वामी कृपाला ||
गजानन गणेशा हैं गौरा के लाला,
दयावन्त इकदन्त स्वामी कृपाला ||
गजानन गणेशा हैं गौरा के लाला,
दयावन्त इकदन्त स्वामी कृपाला ||
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