भगवान गणेश को प्रिय फूल:
गणेश चतुर्थी के दिन से गणेश उत्सव की शुरूआत हो गई है। पौराणकि मान्यता के अनुसार गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक के दस दिन भगवान गणेश के पूजन के लिए विशेष रूप से समर्पित हैं। देश के अधिकतर भागों खासतौर पर महाराष्ट्र और पश्चिमी भारत में मण्डलों में भगवान गणेश की स्थापना कर पूजन किया जाता है। इस साल गणेश उत्सव 19 सितंबर तक मनाया जाएगा। गणेश उत्सव के इस अवसर पर भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए भक्त तरह-तरह के प्रयास करतें हैं। आइए जानते हैं गणेश पूजन में भगवान गणेश को कौन से फूल चढ़ाने चाहिए और कौन से नहीं....
1-केतकी का फूल –
भगवान गणेश, शंकर जी के पुत्र हैं और शिवगणों के गणपति भी। पौराणिक मान्यता के अनुसार शंकर जी को केतकी का फूल अप्रिय है, इस कारण भगवान गणेश को भी केतकी का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए।
2-तुलसी दल –
पद्म पुराण में वर्णन है कि 'न तुलस्या गणाधिपम्' अर्थात गणेश जी को तुलसी नहीं अर्पित करनी चाहिए। इसे पीछे एक पौराणकि कथा है कि एक बार तुलसी जी ने गजमुख और लम्बोदर कह कर भगवान गणेश से विवाह करने से इंकार कर दिया था। क्रोधित हो कर गणेश जी ने तुलसी जी को श्राप दे दिया था तब से गणेश पूजन में तुलसी चढ़ान निषेध है।
3- सूखे और बासी फूल –
भगवान गणेश को पूजन में भूलकर भी सूखे या बासी फूल नहीं चढ़ाने चाहिए। गणेश जी के पूजन में में सूखे फूले चढ़ाना अशुभ माना जाता है, इससे घर में दरिद्रता का वास होता है।
4- गुड़हल और लाल कनेर का फूल –
भगवान गणेश को लाल और पीला रंग सबसे ज्याद प्रिय है। इसलिए उनके पूजन में गुड़हल या लाल कनेर का फूल चढ़ाने से गणेश जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मुराद पूरी करते हैं।
5- गेंदे का फूल –
गणेश जी को पीले रंग के फूल भी विशेष रूप से प्रिय हैं। इसलिए गणेश जी को गेंदे का फूल चढ़ाने से सभी कष्ट दूर होते हैं और घर में सुख और सौभाग्य आता है।
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