Current Date: 23 Dec, 2024

एक रात दुःखी

- मूलचंद बजाज


M:-एक रात दुःखी मै हो केसो गया था रोते रोते

सपने में श्याम ने आकर कहा मुझको गले लगा कर

मै हूँ ना क्यों चिंता करता है, मेरे होतेक्यों डरता है

कोरस:- मै हूँ ना क्यों चिंता करता है, मेरे होते हुए क्यों डरता है

M:-श्याम को मैने देखा धीरज अपना खोया- 2

लिपट गया चरणो से फूट फूट कर रोया

मुस्का कर होले होले मेरे आँसू पोछे बोले

कोरस:- मुस्का कर होले होले मेरे आँसू पोछे बोले

M:-मै हूँ ना क्यों चिंता करता है, मेरे होतेक्यों डरता है

श्याम प्रभु ने बोला मेरे सरण जो आया- 2

हार नही वो सकता तू काहे घबराया

जिसको मैंने अपनया उस पर है मेरी छाया

कोरस:- जिसको मैंने अपनया उस पर है मेरी छाया

M:-मै हूँ ना क्यों चिंता करता है, मेरे होते क्यों डरता है

श्याम की बाते सुनकर भूल गया गम सारे- 2

ऐसा लगा की मेरा फिर से जन्म हुआरे

किया उनकी ओर इशारा सोनू दिल से ये पुकारा

कोरस:- किया उनकी ओर इशारा सोनू दिल से ये पुकारा

M:-तू है न फिकर मुझको क्या है तेरे होते हुए डर क्या है 

कोरस:-तू है न फिकर मुझको क्या है तेरे होते हुए डर क्या है

M:-एक रात दुःखी मै हो केसो गया था रोते रोते

सपने में श्याम ने आकर कहा मुझको गले लगा कर

मै हूँ ना क्यों चिंता करता है, मेरे होते क्यों डरता है

कोरस:- मै हूँ ना क्यों चिंता करता है, मेरे होते हुए क्यों डरता है

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