F:- एक पलड़े में पति विराजे दूसरे में गिरधारी
हाथ जोड़कर बोलो री बहिना किसका पलड़ा भारी
पति के जैसा देव नहीं है सब देवन में दूजा -२
अपने पति को छोड़ चली तू करने किसकी पूजा -२
पति का घर है सती का मंदिर सुनो सुहागन नारी
हाथ जोड़कर बोलो री बहिना किसका पलड़ा भारी
सात वार के सातो व्रत ये कुछ भी काम ना आते -२
एक पति व्रत करने से सारे संकट मिट जाते -२
पति का घर है सती का मंदिर सुनो सुहागन नारी
महाकाल भी तोड़ सके ना सती पति का नाता -२
एक सती वह जिसके आगे झुकता स्वयं विधाता -२
पतिव्रत के आगे हमेसा यम ने बाजी हारी
हाथ जोड़कर बोलो री बहिना किसका पलड़ा भारी
एक पलड़े में पति विराजे दूसरे में गिरधारी
हाथ जोड़कर बोलो री बहिना किसका पलड़ा भारी
अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।