Current Date: 17 Nov, 2024

एक दिन मेरी ये जिंदगी,

- संजय मित्तल जी।


सोचा नहीं जो ख्वाब में,
उतना हमें मिला,
टूटे ना तेरी रहमतों का,
श्याम सिलसिला,
सोचा नही था ख्वाब में।।

तर्ज – लग जा गले।

एक दिन मेरी ये जिंदगी,
तेरे दर पे मुड़ गई,
टूटी हुई थी ख्वाहिशे,
एक पल में जुड़ गई,
पहली ही हाजरी का,
इतना दिया सिला,
टूटे ना तेरी रहमतों का,
श्याम सिलसिला,
सोचा नही जो ख्वाब में।।

सेवा में जबसे आपने,
मुझको लगा लिया,
तेरी कृपा का हर घडी,
एहसास है किया,
मुझे जिंदगी से अब प्रभु,
रहा ना कोई गिला,
टूटे ना तेरी रहमतों का,
श्याम सिलसिला,
सोचा नही जो ख्वाब में।।

आई जो मुश्किलें कभी,
प्रभु दूर हो गई,
गुमनाम सी ये जिंदगी,
मशहूर हो गई,
मुश्किल भरी डगर में भी,
विश्वास ना हिला,
टूटे ना तेरी रहमतों का,
श्याम सिलसिला,
सोचा नही जो ख्वाब में।।

तेरे प्रेमियों में बस प्रभु,
मेरा भी नाम हो,
चरणों में आपके प्रभु,
जीवन की शाम हो,
‘रोमी’ को अपनी गोद में,
लेना प्रभु सुला,
टूटे ना तेरी रहमतों का,
श्याम सिलसिला,
सोचा नही जो ख्वाब में।।

सोचा नहीं जो ख्वाब में,
उतना हमें मिला,
टूटे ना तेरी रहमतों का,
श्याम सिलसिला,
सोचा नही था ख्वाब में।।

 

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