F :- एक दंती लम्बोदर गणपति है मूषक असवार
पारवती के ललना करते सबका बेडा पार
कोरस :- आ आ आ आ आ आ आ आ
F:- गौरामाता है जिनकी और पिता डमरू धारी -2
आओ भक्तो करे हम जैजैकार गजानन की -2
कोरस :- आओ भक्तो करे हम जैजैकार गजानन की
F:- गौरामाता है जिनकी और पिता डमरू धारी -2
आओ भक्तो करे हम जैजैकार गजानन की -2
कोरस :- आओ भक्तो करे हम जैजैकार गजानन की
१.
F :- माँ गोरा की आंख के तारे
शिव शंकर के राज दुलारे
रिद्धि और सिद्धि के दाता
मयूरेश्वर के है वो भ्राता
देखो कितने बड़े है भाग्यवान ये एक दंती -2
आओ भक्तो करे हम जय जैकार गजानन की -2
कोरस :- आओ भक्तो करे हम जैजैकार गजानन की
२
F:- मंगल कारज होते यही पर
आते वही पहले प्रथमेश्वर
भोग प्रथम उनको लगता है
फिर पूजन सबका होता है
जग में होती है पूजा सब से प्रथम विघ्नेश्वर की -2
आओ भक्तो करे हम जय जय कार गजानन की -2
कोरस :- आओ भक्तो करे हम जैजैकार गजानन की
३
F :- है महादानी है महादाता
करुणामयी है गणपति देवा
विघ्न सभी के हरने वाले
किरपा सभी पे करने वाले
सुनते है गजानन दिन दुखी की प्रार्थना -2
आओ भक्तो करे हम जय जैकार गजानन की -2
कोरस :- आओ भक्तो करे हम जैजैकार गजानन की
४
F :- कोढ़ी को मिलती है काया
निर्धन को वो देते माया
बांझे उनसे पुत्र है पाती
शीश नवाती और हर्षाति
कौन ऐसा है जिस पर होती नहीं किरपा इनकी -2
आओ भक्तो करे हम जय जैकार गजानन की -2
कोरस :- आओ भक्तो करे हम जैजैकार गजानन की
५
F :- रूप है अनुपम मेरे प्रभु का
मन हर लेता है जो सबका
गज मुख है जो लम्बोदर है
प्रथमेश्वर कितने सुन्दर है
गणपति जी की है कितनी प्यारी प्यारी छवि -2
आओ भक्तो करे हम जय जैकार गजानन की -2
कोरस :- आओ भक्तो करे हम जैजैकार गजानन की
६
F:- जब धरती पर पाप बढ़ा है
देवा ने अवतार लिया है
दुष्टो का संहार किया है
असुर जनो पे वार किया है
योगी है तपस्वी साधु संतो की रक्षा की -2
आओ भक्तो करे हम जै जैकार गजानन की -2
कोरस :- आओ भक्तो करे हम जैजैकार गजानन की
७
F:- लम्बा उदर जो उनका देखा
चन्द्रमा को जाने क्या सुझा
उनके तोंद की हसी उड़ाई
लेकिन हसी देवा को न आयी
शाप ऐसा दिया उनको के काया हुई धुंधली -2
आओ भक्तो करे हम जै जैकार गजानन की -2
कोरस :- आओ भक्तो करे हम जैजैकार गजानन की
८
F :- बुद्धिमान बड़े है देवा
भाई से पहले ब्याह रचाया
कार्तिक से जीते थे बाजी
माता पिता की परिक्रमा की
सारे जग में विख्यात है देवा की बुद्धिमानी -2
आओ भक्तो करे हम जय जैकार गजानन की -2
कोरस :- आओ भक्तो करे हम जैजैकार गजानन की
९
F :- मोदक प्रिय है गौरी नंदन
भोग में लड्डू लेते गजानन
लड्डू उनको बहुत है भाते
और नहीं कुछ देवा खाते
भक्त लाते है भोग में भरपूर थाली लाडू की -2
आओ भक्तो करे हम जय जैकार गजानन की -2
कोरस :- आओ भक्तो करे हम जैजैकार गजानन की
१०
F:- जब जब संकट देवो पे छाया
गणपति देवा जब है पधारे
हो गए फिर तो वारे न्यारे
संकटो से दिलाई देव गणो को भी मुक्ति -2
आओ भक्तो करे हम जय जैकार गजानन की -2
कोरस :- आओ भक्तो करे हम जैजैकार गजानन की
११
F :- देवता हो या वो हो ऋषि जन
सबको शरण देते है गजानन
सबके रक्षक गणपति देवा
उनसा देव नहीं कोई दूजा
उनके आगे झुकाते शीश अपना सब ऋषि मुनी -2
आओ भक्तो करे हम जय जैकार गजानन की -2
कोरस :- आओ भक्तो करे हम जैजैकार गजानन की
१२
F:- मुदगल पुराण में ये लिखा है
आठ अवतार में देवा है आये
धर्म की रक्षा करने हेतु
पृथ्वी पर आये धूमकेतु
जब जब है पधारे काँप उठे है अधर्मी सभी -2
आओ भक्तो करे हम जय जयकार गजानन की -2
कोरस :- आओ भक्तो करे हम जैजैकार गजानन की
१३
F :- वक्रतुण्ड का रूप जो धारा
मतसरासुर को अपने मारा
एक दंती जब रूप था पाया
मदासुर दैत्य को तब था हराया
तीजा अवतार जब लिया कहलाये लम्बोदर गणपति जी -2
आओ भक्तो करे हम जय जैकार गजानन की -2
कोरस :- आओ भक्तो करे हम जैजैकार गजानन की
१४
F:- लोभासुर को कर दिया छीन भिन्न
बनके आये जब ये गजानन
लम्बोदर का रूप जो पाया
क्रोधासुर का क्रोध मिटाया
कामासुर को मिटाया जब ये बने विकत अवतारी -2
आओ भक्तो करे हम जय जय कार गजानन की -2
कोरस :- आओ भक्तो करे हम जैजैकार गजानन की
१५
F :- विघ्न राज का रूप अनोखा
लेकर की है धर्म की रक्षा
धूम्रवर्ण जब देवा बने है
अत्याचारी शांत हुए है
उनके आगे टिके नही थे जो कुकर्मी और पापी -2
आओ भक्तो करे हम जय जैकार गजानन की-2
कोरस :- आओ भक्तो करे हम जैजैकार गजानन की
१६
F:- वो भूमि है सबसे पावन
होता जहाँ गणपत का पूजन
देवा स्वयं आते है वही पर
और भक्तो को देते है वर
इनके वर से बने है जग में कितने है वरदानी -2
आओ भक्तो करे हम जय जैकार गजानन की -2
कोरस :- आओ भक्तो करे हम जैजैकार गजानन की
१७
F :- भक्तजनो के भाग्य विधाता
लिखने भाग्य सभी का देवा
वो आजीवन सुख है पाते
जो गणपत देवा को मनाते
उनके परिवार में रहती सदा सदा है सुख शांति -2
आओ भक्तो करे हम जय जैकार गजानन की -2
कोरस :- आओ भक्तो करे हम जैजैकार गजानन की
१८
F:- है उमा शंकर के ललना
है रिद्धि सिद्धि के सजना
भक्तो पे उपकार करो अब
भव से बेडा पार करो अब
तुम जो चाहो तो देवा बन जाए हर बात बिगड़ी -2
आओ भक्तो करे हम जैजैकार गजानन की -2
कोरस :- आओ भक्तो करे हम जैजैकार गजानन की
१९
F :- जो देवा का सिमरण करते
जीवन उनको अर्पण करते
वो संकट से दूर है रहते
अश्रु आंख से कभी ना बहते
मुस्कुराते है रहते है वो हर पल हर एक घड़ी -2
आओ भक्तो करे हम जय जैकार गजानन की -2
कोरस :- आओ भक्तो करे हम जैजैकार गजानन की
२०
F:- देवा देवा रटते रहिये
और विघ्नो से बचते रहिये
देवा सिमरण विघ्न मिटाये
जाप देवा का पाप घटाए
लिक्खी अनवर ने गाथा श्रद्धा पूर्वक देवा की -2
आओ भक्तो करे हम जय जैकार गजानन की -2
कोरस :- आओ भक्तो करे हम जैजैकार गजानन की
आओ भक्तो करे हम जैजैकार गजानन की
आओ भक्तो करे हम जैजैकार गजानन की
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