Current Date: 18 Oct, 2024
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HAMARO MANA MOH LIYO - हमारो मन मोहलियो

- Shahnaz Akhtar


🎵हमारो मन मोह लियो🎵

🙏 गायक: शाहनाज अख्तर
🎼 सगीत: एजाज खान

विवरण:
हमारो मन मोह लियो गाया हुआ भजन शाहनाज़ अख्तर की मधुर आवाज़ में सुनने योग्य है। यह भजन देवी-देवताओं की लीलाओं और उनकी अद्भुत शक्तियों का वर्णन करता है, जिससे गायक का मन पूरी तरह मोहित हो गया है। इस भजन में शिव की मोहिनी रूप, नारद की कथा, और विश्वामित्र की तपस्या का चित्रण किया गया है। राग और लय के साथ, भजन में एक दिव्य भावनात्मक जुड़ाव है, जो सुनने वालों के मन को शांति और भक्ति की अनुभूति से भर देता है।

गीत के बोल:
मोही रे, हमारो मन मोह लियो
(मोही रे, हमारो मन मोह लियो)
मोही रे, हमारो मन मोह लियो
(मोही रे, हमारो मन मोह लियो)

अमृत बाँटे मोहिनी रे
ए रे, छम-छम नाच दिखाएँ
अरे, शिव मोही रे, अरे, शिव मोही रे

मोही रे, हमारो मन मोह लियो
(मोही रे, हमारो मन मोह लियो)

नारद माँगे रूप को रे
हे रे, वीरा वानर मुख बन जाएँ
अरो, नारी मोही रे, अरे, नारी मोही रे

मोही रे, हमारो मन मोह लियो
(मोही रे, हमारो मन मोह लियो)

विश्वामित्र को तप गओ रे
हे रे, वीरा नाची मेनका नार
अरे, मुनी मोही रे, अरे, मुनी मोही रे

मोही रे, हमारो मन मोह लियो
(मोही रे, हमारो मन मोह लियो)

तलप गए, दिन ना ढले रे
ए री, वीरा राम जनम जब होत
अरे, रवि मोही रे, अरे, रवि मोही रे

मोही रे, हमारो मन मोह लियो
(मोही रे, हमारो मन मोह लियो)

तीन लोक उड़-उड़ थके रे
ए रे, वीरा रोत राम चले पाछे
अरे, कागा मोही रे, अरे, कागा मोही रे

मोही रे, हमारो मन मोह लियो
(मोही रे, हमारो मन मोह लियो)

गउवा चुरा गओ श्याम की रे
ए रे, वीरा लौट रहे जुग बाद
अरे, ब्रह्म मोही रे, अरे, ब्रह्म मोही रे

मोही रे, हमारो मन मोह लियो
(मोही रे, हमारो मन मोह लियो)
मोही रे, हमारो मन मोह लियो
(मोही रे, हमारो मन मोह लियो)

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