🎵आल्हा की ध्वजा नहीं आई हो मां🎵
🙏 गायक: शाहनाज अख्तर
🎼 संगीत: एजाज खान
विवरण:
आल्हा की ध्वजा नहीं आई हो माँ एक शक्तिशाली भजन है, जिसे शहनाज़ अख्तर ने अपनी दमदार आवाज़ में प्रस्तुत किया है। इस भजन में आल्हा की वीरगाथा और उनकी ध्वजा के देर से आने की कथा को माँ के दरबार में प्रस्तुत किया गया है। भक्त माँ से आल्हा की सफलता और ध्वजा के आने के लिए प्रार्थना करते हैं, और आल्हा की साहसिक यात्रा का वर्णन करते हैं, जहाँ माँ की कृपा का इंतज़ार होता है।
इस भजन को सुनते ही आप आल्हा की वीरता और माँ के प्रति उनकी भक्ति से प्रेरित होंगे, और माँ की कृपा की प्रतीक्षा में श्रद्धा से भर जाएंगे।
गीत के बोल:
तीन ध्वजा तीनो लोक से आई
आल्हा की ध्वजा नहीं आई हो मां
जाओ जाओ मेरे बिरहा हो लंगुरवा
आल्हा को पकड़ ले आओ हो मां
अरे एक बन नाके दूजा बन नाके
तीज़े बन महोवा लोक हो माँ
तीन ध्वजा तीनो लोक से आई
आल्हा की ध्वजा नहीं आई हो मां
गाव की पनहरिस से पूछे हो लंगुरवा
आल्हा का पता बतलाओ हो माँ
अरे बिच में होवे आल्हा को मकनवा
वही पर डेर लगाओ हो माँ
तीन ध्वजा तीनो लोक से आई
आल्हा की ध्वजा नहीं आई हो मां
आल्हा आल्हा खूब पुकारा
आल्हा नदियों के घाट हो माँ
बांध लंघोटी आल्हा नहा रहे
सरसों को तेल लगाये हो माँ
तीन ध्वजा तीनो लोक से आई
आल्हा की ध्वजा नहीं आई हो मां
Credit Details :
Song: Aalha Ki Dhwja Nahi Aai Ho Ma
Singer: Shahnaz Akhtar
Music: Ajaz Khan
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