दरबार तेरा मुझ से कभी छुट नहीं सकता
तुम जिसको न चाहो वो कभी उठ नहीं सकता
लुट जाये जो अगर तेरे दरबार में मैय्या
दुनिया के लुटेरो से कभी लुट सकता
मेरी भी अरज सुन ले
दुनिया की सुनने ने वाली
तेरे दर पे आ गई हु
जाऊ न हाथ खाली
मेरी भी अरज सुन ले
दुनिया की सुनने वाली
दौलत न माल दे माँ
कौहर न लाल दे माँ
चरणों का फुल मेरी
झोली में डाल दे माँ
मेरी भी लाज रख ले
दुनिया की रखने वाली
मेरी भी अरज सुन ले…
हम तेरा नाम लेकर
बड़ते ही जा रहे है
हम को मिटाने वाले
खुद मुह की खा रहे है
हर दम है साथ मेरे
मेंरी मैय्या शेरोवाली
मेरी भी अरज सुनले…
दुनिया की ठोकरे रे
अब खाना नहीं ग्वारा
चौखट पे तेरी मेरा
होता रहे गुजारा
एक मै ही क्या ये दुनिया
तेरे दर की है सवाली
मेरी भी अरज सुन ले…
Credit Details :
Song: Maa Meri Bhi Araj Sunle
Singer: Shahnaaz Akhtar
Music: Prateek Shrivastava
Lyrics: Shakeel Ahmed
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