Current Date: 22 Dec, 2024
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मां मेरी अरज सुनले कव्वाली - Maa Meri Araj Sunle

- Shahnaaz Akhtar


🎵मां मेरी भी अरज सुनले🎵

🙏 गायक: शाहनाज अख्तर
🎼 गीत: शकील अहमद

विवरण:
माँ मेरी अरज सुन ले एक भावपूर्ण भजन है, जिसे शहनाज़ अख्तर ने अपनी सुरीली आवाज़ में प्रस्तुत किया है। इस भजन में भक्त माँ से अपनी विनती सुनने की गुहार लगाता है। भक्त माँ के दरबार में आकर अपनी खाली झोली लेकर प्रार्थना करता है कि माँ उसे खाली हाथ न लौटाए। यह भजन माँ के प्रति अटूट विश्वास और श्रद्धा को व्यक्त करता है, जहाँ भक्त अपनी सारी समस्याओं का समाधान माँ की कृपा में ढूंढता है।

इस भजन को सुनते ही आप माँ के प्रति अपनी गहरी भक्ति और विश्वास का अनुभव करेंगे, और माँ की कृपा से अपनी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करेंगे।

गीत के बोल:
दरबार तेरा मुझ से कभी छुट नहीं सकता
तुम जिसको न चाहो वो कभी उठ नहीं सकता
लुट जाये जो अगर तेरे दरबार में मैय्या
दुनिया के लुटेरो से कभी लुट सकता

मेरी भी अरज सुन ले
दुनिया की सुनने ने वाली
तेरे दर पे आ गई हु
जाऊ न हाथ खाली
मेरी भी अरज सुन ले
दुनिया की सुनने वाली

दौलत न माल दे माँ
कौहर न लाल दे माँ
चरणों का फुल मेरी
झोली में डाल दे माँ
मेरी भी लाज रख ले
दुनिया की रखने वाली
मेरी भी अरज सुन ले…

हम तेरा नाम लेकर
बड़ते ही जा रहे है
हम को मिटाने वाले
खुद मुह की खा रहे है
हर दम है साथ मेरे
मेंरी मैय्या शेरोवाली
मेरी भी अरज सुनले…

दुनिया की ठोकरे रे
अब खाना नहीं ग्वारा
चौखट पे तेरी मेरा
होता रहे गुजारा
एक मै ही क्या ये दुनिया
तेरे दर की है सवाली
मेरी भी अरज सुन ले…

Credit Details :

Song: Maa Meri Bhi Araj Sunle 
Singer: Shahnaaz Akhtar
Music: Prateek Shrivastava
Lyrics: Shakeel Ahmed

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