🎵हे मात मेरी आरती🎵
🙏 गायक: नरेंद्र चंचल
🎼 सगीत: सुरिंदर कोहली
विवरण:
हे मात मेरी आरती भजन में नरेंद्र चंचल जी ने भक्त की सच्ची भावनाओं को प्रस्तुत किया है, जहाँ भक्त माँ दुर्गा के चरणों में गिरकर उनसे अपनी दया और कृपा की याचना कर रहा है। इस भजन में भक्त अपने जीवन की कठिनाइयों, भ्रम, और मोह से घिरा हुआ महसूस करता है और माँ से उबारने की प्रार्थना करता है। वह माँ से यह प्रार्थना करता है कि वह अपनी शक्ति और भक्ति से उसे पार लगाए।
गीत के बोल:
कैसी यह देर लगाई दुर्गे ।
हे मात मेरी हे मात मेरी ।।
भव सागर में घिरा पड़ा हूँ,
काम आदि गृह में घिरा पड़ा हूँ ।
मोह आदि जाल में जकड़ा पड़ा हूँ,
हे मात मेरी हे मात मेरी ।।
ना मुझ में बल है, ना मुझ में विद्या,
ना मुझ ने भक्ति ना मुझ में शक्ति ।
शरण तुम्हारी गिरा पड़ा हूँ,
हे मात मेरी हे मात मेरी ।।
ना कोई मेरा कुटुम्भ साथी,
ना ही मेरा शरीर साथी।
आप ही उभारो पकड़ के बाहें,
हे मात मेरी हे मात मेरी ।।
चरण कमल की नौका बना कर,
मैं पार हूँगा ख़ुशी मना कर।
यम दूतों को मार भगा कर,
हे मात मेरी हे मात मेरी ।।
सदा ही तेरे गुणों को गाऊं,
सदा ही तेरे सरूप को धयाऊं।
नित प्रति तेरे गुणों को गाऊं,
हे मात मेरी हे मात मेरी ।।
ना मैं किसी का ना कोई मेरा,
छाया है चारो तरफ अँधेरा।
पकड़ के ज्योति दिखा दो रास्ता,
हे मात मेरी हे मात मेरी ।।
शरण पड़े हैं हम तुम्हारी,
करो यह नैया पार हमारी।
कैसी यह देरी लगाई है दुर्गे,
हे मात मेरी हे मात मेरी ।।
Credit Details :
Song: Hey Maat Meri Aarti
Singer: Narendra Chanchal
Music Director: Surinder Kohli
Lyricist: Balbir Nirdosh
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