बिगड़ी मेरी बनादे ए शेरों वाली मैया
अपना मुझे बनाले ए मेहरों वाली मैया॥
सदा पापी से पापी को भी तुम,
मां भव सिंधु तारी हो,
फसी मझधार में नैया को भी,
पल में उबारी हो,
न जाने कोन ऐसी भुल,
मुझसे हो गयी मैया,
तुम अपने इस बालक को मां,
मन से बिसारी हो॥
बिगड़ी मेरी बनादे ए शेरों वाली मैया
अपना मुझे बनाले ए मेहरों वाली मैया॥
दर्शन को मेरी अखियाँ कब से तरस रहीं हैं,
सावन के जैसे झर झर अखियाँ बरस रहीं हैं,
दर पे मुझे बुला ले, ए शेरों वाली मैया॥
आते हैं तेरे दर पे, दुनिया के नर और नारी,
सुनती हो सब की विनती,मेरी मैया शेरों वाली,
मुझ को दरश दिखा दे, ए मेहरों वाली मैया॥
‘शर्मा’ पे मेरी मैया द्रष्टि दया की कर माँ,
चरणों की धूल देकर ‘लख्खा’ की झोली भर माँ,
मरते को अब जीलादे ए शेरों वाली मैया॥
बिगड़ी मेरी बनादे ए शेरों वाली मैया
अपना मुझे बनाले ए मेहरों वाली मैया॥
Credit Details :
Song: Bigdi Meri Bana De
Singer: Lakhbir Singh Lakkha
Music Director: Durga-Natraj
Lyricist: Guru Ji Ram Lal Sharma, Saral Kavi, Shyam Sundar Ji Sharma
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