दुनिया से हारी मेरे श्याम,
बाबा अब तो बिठा ले,
अपनी छांवो में,
दुनिया से हारी मेरे श्याम।।
तर्ज – तुझको पुकारे मेरा प्यार।
सबने रुलाया तो,
एक बार क्यों ना तेरी,
चोखट पे रोलूँ,
जी चाहता है,
दिलदार प्यारे तेरी,
गोदी में सोलूँ,
दिल से लगा ले मेरे श्याम,
बाबा अब तो बिठा ले,
अपनी छांवो में,
दुनिया से हारी मेरे श्याम।।
सांसो की डोरी टूट रही है,
बीती जाये उमरिया,
मैली चदरिया ओढ़ के बैठी,
तेरे दर पे साँवरिया,
अपना बना ले मेरे श्याम,
बाबा अब तो बिठा ले,
अपनी छांवो में,
दुनिया से हारी मेरे श्याम।।
दुःख दर्द मुझको छु ना सकेगा,
जो तू संग हो मेरे,
अंग अंग अपना,
रंगवाना चाहूँ मै तो,
रंग में तेरे,
‘निर्मल’ बना के मेरे श्याम,
बाबा अब तो बिठा ले,
अपनी छांवो में,
दुनिया से हारी मेरे श्याम।।
दुनिया से हारी मेरे श्याम,
बाबा अब तो बिठा ले,
अपनी छांवो में,
दुनिया से हारी मेरे श्याम।।
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